पंचांग 4 मार्च 2022
पंचांग 4 मार्च 2022
सुविचार
यावत्स्वस्थो ह्ययं देहः तावन्मृत्युश्च दूरतः।
तावदात्महितं कुर्यात् प्रणान्ते किं करिष्यति।।
भावार्थ
जब तक शरीर स्वस्थ रहता है, तब तक मृत्यु का भय नहीं रहता। अतः इसी समय में आत्मा और परमात्मा को पहचान कर आत्मकल्याण कर लेना चाहिए। मृत्योपरांत कुछ भी नहीं किया जा सकता।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।