पंचांग 4 सितम्बर 2020
पंचांग 4 सितम्बर 2020
विशेष – द्वितीया श्राद्ध
सुविचार
अपि मेरुसमं प्राज्ञमपि शुरमपि स्थिरम्।
तृणीकरोति तृष्णैका निमेषेण नरोत्तमम्।।
अर्थात्
भले ही कोई व्यक्ति मेरु पर्वत की तरह स्थिर, चतुर और बहादुर दिमाग का हो, लालच उसे पल भर में घास की तरह खत्म कर सकता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।