पंचांग 6 सितम्बर 2020
पंचांग 6 सितम्बर 2020
विशेष – चतुर्थी श्राद्ध
सुविचार
पूर्णे तटाके तृषितः सदैव भूतेऽपि गेहे क्षुधितः स मूढः।
कल्पद्रुमे सत्यपि वै दरिद्रः गुर्वादियोगेऽपि हि यः प्रमादी॥
भावार्थ :
जो इन्सान गुरु मिलने के बावजूद प्रमादी रहे, वह मूर्ख पानी से भरे हुए सरोवर के पास होते हुए भी प्यासा, घर में अनाज होते हुए भी भूखा और कल्पवृक्ष के पास रहते हुए भी दरिद्र है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।