चलो चलें हम एक साथ मिल, पर्यावरण बचाएं
कुंवर पाल भंवर
चलो चलें हम एक साथ मिल, पर्यावरण बचाएं, पर्यावरण बचाएं।
नव निर्माण करें भारत का, नव इतिहास रचाएं, पर्यावरण बचाएं।
छोटी सी बगिया हो घर में, वृक्ष लगाएं डगर डगर में,
गीला कचरा खाद बनाकर, डालें नित पौधों की जड़ में,
वृक्षों का संरक्षण कर हम जीवन को महकाएं, पर्यावरण बचाएं।
चलो चलें हम एक साथ मिल …..
नदियों के तट हो हरियाली, शीतल मंद सुगंध निराली,
वन रखते तटबंध सुरक्षित, वन कटान करतूतें काली,
वृक्षों की हत्या को रोकें, धरती स्वर्ग बनाएं, पर्यावरण बचाएं।
चलो चलें हम साथ मिल…
है सरपंच आंख सब मींचे, अटती पोखर, तार हैं खींचे
वर्षा जल बह गया नदी में, जल का स्तर पहुंचा नीचे,
बचपन प्यासा सिसक रहा है, कैसे प्यास बुझाएं, पर्यावरण बचाएं।
चलो चलें हम एक साथ मिल…
सघन वनों के बाद लगाएं, ताल तलैया कमल खिलाएं,
करें सभी संरक्षण जल का, भारत भू को स्वर्ग बनाएं,
हरा-भरा भारत हो अपना, ऐसी अलख जगाएं, पर्यावरण बचाएं।
चलो चलें हम एक साथ मिल…।