डॉ. भागवत ने किया संघ की जागरण पत्रिका पाथेय कण के सेवा विशेषांक का विमोचन

डॉ. भागवत ने किया संघ की जागरण पत्रिका पाथेयकण के सेवा विशेषांक का विमोचन

डॉ. भागवत ने किया संघ की जागरण पत्रिका पाथेयकण के सेवा विशेषांक का विमोचन

जयपुर, 09 नवम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा कोरोना काल में समाज के वंचित, अभावग्रस्त लोगों, श्रम साधकों समेत प्रत्येक वर्ग के लिए किए गए सेवा कार्यों पर प्रकाशित संघ की जागरण पत्रिका पाथेय कण के सेवा विशेषांक का विमोचन सोमवार को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत व सरकार्यवाह सुरेश (भैय्याजी) जोशी ने किया। अम्बाबाड़ी स्थित स्वस्तिक भवन में आयोजित हुए विमोचन कार्यक्रम में क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश, पाथेय कण के सम्पादक रामस्वरूप अग्रवाल व प्रबंध सम्पादक माणकचंद भी मंच पर उपस्थित रहे।

विमोचन कार्यक्रम की शुरूआत में सम्पादक रामस्वरूप ने सेवा विशेषांक की प्रस्तावना में कहा कि सेवा से स्वावलम्बन की ओर… थीम पर प्रकाशित विशेषांक के 108 पेज में 100 चित्रों के साथ विविध संगठनों व सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के 60 प्रकार के सेवा कार्य वर्णित हैं। इसमें अन्य राज्यों में हुए विशेष सेवा कार्यों को भी समाहित करते हुए मार्मिक कहानियां व 36 संस्मरण विशेष पठनीय  हैं। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा कार्यों की समाज में व्यापक जानकारी पहुंचे, इसके लिए पत्रिका को गांव- ढाणियों तक व्यक्तिशः पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही समाज के प्रबुद्धजनों व संतों को भी भेंट की जाएगी।

पाथेय कण के प्रबंध सम्पादक माणकचंद ने बताया कि 36 वर्ष पूर्व राजस्थान में प्रखर हिन्दू विचार  की पत्रिका के रूप में पाथेय कण का प्रकाशन भारती भवन से शुरू हुआ था। स्वयंसेवकों के प्रयासों से आज पाथेय कण देश का सर्वाधिक प्रसार संख्या का पाक्षिक है, इसकी एक लाख से अधिक प्रतियां प्रत्येक 15 दिन में विश्व के 8 देशों समेत भारत के 20 हजार ग्राम-नगरों में पहुंचती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में स्वयंसेवकों ने समाज के अभावग्रस्त वर्ग, पलायन करने वाले श्रमिकों, यहां तक जीव- जतुंओं की मदद में अनेकों कार्य किए थे। राजस्थान में हुए सभी सेवा कार्यों व उनसे जुड़े संस्मरणों का संकलन करते हुए दीपावली पर सेवा विशेषांक प्रकाशित किया गया है।

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