पीएम किसान सम्मान निधि योजना : अपात्रों ने भी उठाया लाभ, होगी वसूली
राजस्थान में अपात्रों द्वारा भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने का मामला सामने आया है। यह योजना लघु और सीमांत किसानों के लिए है। केंद्र सरकार प्रति वर्ष 4-4 महीने के अंतराल में किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए डलवाती है। परंतु जांच में सामने आया है कि अपात्र जिनमें नेता, वर्तमान / पूर्व मंत्री, वर्तमान / पूर्व सांसद, विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, राज्य सरकार के वेतनभोगी कर्मचारी, पेंशनर्स, बोर्ड, निगमों व सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले नियमित कर्मचारी, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट व आर्किटेक्ट आदि शामिल हैं, में से भी कई इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। राजस्थान में गलत तरीके से पैसा उठाने वाले ऐसे 2 लाख 18 हजार 934 लोगों से अब वसूली होगी। केंद्र सरकार इन्हें अब तक 147 करोड़ रुपए दे चुकी है। श्रीगंगानगर से भाजपा सांसद निहालचंद के सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी दी। अब लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन भी होगा।
2019 में शुरू हुई इस योजना के अंतर्गत राजस्थान में अब तक कुल 73.07 लाख किसानों का चयन किया गया, जिनके खाते में जुलाई तक 9,135.9 करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं।
इस योजना में लाभार्थी किसानों का चयन राज्य सरकारें करती हैं और केंद्र सरकार को पूरा डेटा पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध कराती हैं, फिर केंद्र सरकार इस डेटा को आधार और पैन नंबर से लिंक कर उसकी जांच करती है। इस वेरीफिकेशन से ही यह गड़बड़ पकड़ में आई और पता चला कि इनकम टैक्स देने वाले भी गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के नाम पर कृषि भूमि होना अनिवार्य है। केवल 2 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि वालों को लाभ मिलेगा। योजना का लाभ लेने वाला किसान आयकर दाता नहीं होना चाहिए।