सॉरी जगदीश, तुम्हारी हत्या किसी भाजपा शासित प्रदेश में थोड़े ही न हुई है…!
7 अक्टूबर को राजस्थान के पीलीबंगा के प्रेमपुरा गॉंव में अनुसूचित जाति समाज के एक युवक जगदीश की कुछ लोगों ने पीट पीटकर हत्या कर दी। मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है। हत्या के बाद जगदीश के परिजन शव को लेकर तीन दिन तक उपखंड कार्यालय पर धरना देकर बैठे रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रशासन की संवेदनहीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कलेक्टर और एसपी तक मौके पर नहीं पहुंचे। एसडीएम रंजीत कुमार की समझाइश पर 9 अक्टूबर को जगदीश का अंतिम संस्कार हो पाया। भाजपा शासित प्रदेशों में दलित कार्ड खेलने वाली कांग्रेस के किसी नेता को जगदीश के परिवार की सुध नहीं आई। राहुल, प्रियंका तो दूर लखीमपुर मामले में बराबर ट्वीट करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री तक की घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
मृतक जगदीश की मां का कहना है कि 7 अक्टूबर को सुबह काम पर जाने की बात कह कर जगदीश घर से निकला था, लेकिन दबंग उसे गांव के श्मशान पर ले गए और वहीं पीट पीट कर मार डाला। बाद में शव को घर के बाहर फेंक दिया। 11 व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है।अभी तक चार गिरफ्तारियां हुई हैं, जबकि वायरल वीडियो में सभी के चेहरे साफ दिख रहे हैं।
सेना से रिटायर कर्नल प्रमोद सहगल कहते हैं कि स्थिति चिंताजनक है। NCB की ताजा रिपोर्ट की ओर देखें तो राजस्थान में कानून व्यवस्था वाकई दम तोड़ती सी दिखती है। रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान रेप के मामलों में तो अव्वल है ही, अब यहॉं अनूसूचित जाति समाज पर अत्याचारों के मामले भी बढ़ रहे हैं। देश में उसका नं दूसरा है।
इस साल अब तक 6 हजार से अधिक मामले पुलिस थानों में दर्ज हो चुके हैं। वहीं 2020 में 7017 तो 2019 में 6794 मामले दर्ज हुए थे।हाल में तो महीना भी नहीं बीता कि अनुसूचित जाति समाज के तीन युवकों की हत्या कर दी गई। 15 सितम्बर को अलवर के बड़ौदामेव में योगेश जाटव को मुसलमानों ने पीट पीट कर मार दिया और फिर 26 सितम्बर को अलवर जिले के ही अनुसूचित जाति समाज के युवक संपत बैरवा की गांव के ही दो मुसलमान युवकों ने खेत में ले जाकर हत्या कर दी।
पीलीबंगा की घटना पर भाजपा नेता सतीश पूनिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि अपराध के मामले में इस सरकार ने पिछले समस्त रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी के लिए सबक है जो दूसरे प्रदेशों में राजनीतिक पर्यटन करते हैं। राजस्थान में दलितों की सुध लेने के लिए उन्हें आना चाहिए।