पुस्तक परिचय – हिंद स्वराज
आयुषी मुंजाल
हिंद स्वराज पुस्तक मूलत: महात्मा गांधी के स्वराज के विचारों पर आधारित है। पुस्तक में स्वराज का अर्थ एवं आवश्यकता बताते हुए महात्मा गांधी द्वारा स्वराज प्राप्ति का मार्ग बताया गया है। उनके अनुसार स्वराज से तात्पर्य मात्र स्व शासन नहीं है वरन् यह जीवन के समस्त आयामों से संबंधित मूल्य है। महात्मा गांधी के विचारों में स्वराज व्यक्तिगत स्तर पर अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखने के साथ साथ सामाजिक स्तर पर छुआछूत एवं साम्प्रदायिकता का निवारण करने का अस्त्र है। वहीं दूसरी ओर इसका आशय सांस्कृतिक स्तर पर विभिन्न संस्कृतियों एवं राजनीतिक स्तर पर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण और ग्राम स्वराज है। तथा आर्थिक स्तर पर यह ट्रस्टीशिप और जनता द्वारा उत्पादित है।
उन्होंने पुस्तक में आधुनिक और पाश्चात्य सभ्यताओं की आलोचना भी की है। पुस्तक औपनिवेशिक भारत पर केन्द्रित है। यह निश्चय ही नए भारत के निर्माण एवं युवाओं का दिशानिर्देशन करने में सहायक सिद्ध होगी।
Good
Such a awesome book will absolutely make a great change in such society, and it leaves a great message for all of us