भेमई आस पास के गाँवों के विकास में सहयोगी बने- डॉ. भागवत
भेमई आस पास के गाँवों के विकास में सहयोगी बने- डॉ. भागवत
भेमई। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने स्वामी विवेकानंद ग्राम विकास समिति, भेमई द्वारा आयोजित ग्राम सभा में कहा कि ग्राम विकास का कार्य सबसे पहले ग्रामवासियों की सोच से प्रारम्भ होता है। उन्होंने कहा, प्रभात गाँव वह है, जहाँ सभी निःस्वार्थ भाव से बिना भेदभाव काम करते हैं। अपने देश में 300 से अधिक प्रभात ग्राम हैं, उनमें भेमई भी है। मनुष्य यदि दृढ़ निश्चिय करे तो माटी से अमृत निकाल सकता है। उन्होंने कल्पवृक्ष की कथा बताते हुए कहा कि जैसा हम सोचते हैं, वैसा हो जाता है। देव दानवों के मध्य स्वर्ग तक सीढ़ी बनाने की कथा सुनाकर कहा कि बिना दूसरों को हानि पहुँचाए, अपना स्वार्थ छोड़कर और भेदों को हटा कर काम करना ही ग्राम विकास है। व्यक्ति गुणवान होने साथ परिवार, गांव, जनपद, देश के काम आना चाहिए। अपना घेरा सम्पूर्ण वसुधा तक बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपना भेमई प्रभात गाँव है। अब इसका प्रभाव आस-पास के गांवों तक पहुँचना चाहिए। गांवों में नगरों जैसी सुविधाएं मिलें। गांवों में आपसी संबंधों के आधार पर कार्य होता है। पूरे गांव को एक परिवार मानकर व्यवहार करना है।
सभा के प्रारंभ में “श्री मां महिला ग्राम विकास समिति” के नेतृत्व में महिलाओं ने स्वागत लोकगीत “होना रूपा नी थारी हबाडों आजे भागवत जी पधारया” गाया। रमेश भाई व अर्जुन पारगी ने पगड़ी पहनाकर सरसंघचालक का स्वागत किया।
ग्राम सभा का प्रतिवेदन विवेकानंद ग्राम विकास समिति, भेमई के सचिव गिरीश भाई ने रखा और सभा के अंत में आभार महेंद्र भाई ने व्यक्त किया।
सभा में चिकली खंड संघचालक अरविन्द भाई, ग्राम विकास समिति भेमई के चेतन भाई, पद्मश्री मूलचंद काका वागदारी, पद्मश्री श्याम सुंदर, भारत माता मंदिर बांसवाड़ा के रामस्वरूप महाराज, राजस्थान क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, राजस्थान क्षेत्र ग्राम विकास संयोजक राजावीर सहित अन्य उपस्थित रहे। सभा का संचालन मनोज कुमार ने किया।