आने वाली पीढ़ियों को प्राकृतिक संसाधन प्राप्त हों, इस हेतु अभी से संरक्षण करना होगा- डॉ. शैलेन्द्र
सरदारशहर, 13 अप्रैल। अनेकों वर्षों से अभी तक हमने धरती का शोषण ही किया है और लगातार उससे कुछ प्राप्त करने की इच्छा ही की है। हमारी आने वाली पीढ़ियां, हमारे भविष्य के नागरिक इन संसाधनों को किस प्रकार प्राप्त कर पाएंगे, इस हेतु हम सभी को विचार करना चाहिए। सरदारशहर के ग्राम सवाई बड़ी में रामद्वारा भवन में आयोजित भूमि सुपोषण एवं संरक्षण अभियान के शुभारंभ के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र ने ये विचार रखे। उन्होंने उपस्थित ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि के संरक्षण और धरती को उपजाऊ बनाने के लिए हमें जैविक खेती को अपनाना ही होगा। गो माता की देसी नस्ल के पालन के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए। सनातन संस्कृति में गाय को माता का स्थान दिया गया है। गाय में तेंतीस कोटि देवी देवताओं का निवास माना गया है। गाय अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक हम सभी का हर तरह से पालन करती है। लेकिन वर्तमान में देसी गाय का स्थान विदेशी नस्ल की गायों ने ले लिया है। हमारी देसी गाय की जो नस्लें हैं व विदेशों में चली गईं। हमें देसी नस्ल की गायों को पाल कर उनका संरक्षण करना होगा। हमारी आने वाली पीढ़ियों को भविष्य में इन प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता हो, इस हेतु हमें अभी से गो, ग्राम, वनों के संरक्षण एवं जैविक कृषि को अपनाने के प्रयास करने होंगे।
कार्यक्रम का शुभारंभ ग्रामवासियों द्वारा अपने खेतों से लाई गई मिट्टी के पूजन से हुआ। पं. तेजपाल शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रकृति के संरक्षण हेतु यज्ञ सम्पन्न करवाया, जिसमें मोती सिंह, वैद्य पशुपति शर्मा और दीपसिंह ने सपत्नीक यज्ञ में आहुति दी।
इसके पश्चात देशी नस्ल की गाय का पूजन कर उपस्थित सभी ग्रामीण जनों को देशी नस्ल के पशुओं और भूमि के संरक्षण के लिए संकल्प करवाया गया। इस अवसर पर सह विभाग कार्यवाह सुभाष सोनगरा समेत अनेक लोग उपस्थित थे।