क्या बंगाल में शरिया कानून लागू हो गया है?
महिला की बेरहमी से पिटाई : क्या बंगाल में शरिया कानून लागू हो गया है?
जयपुर, 1 जुलाई। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनजापुर जिले के चोपरा विधानसभा क्षेत्र से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहॉं भरे चौराहे एक महिला को पटक पटक कर बांस की छड़ी से पीटा गया, भीड़ मूक दर्शक बनी रही। यह पिटाई की वहां के विधायक हमीदुर्रहमान के दाहिने हाथ ताजेमुल ने, जिसे “त्वरित न्याय” के लिए जेसीबी के नाम से जाना जाता है। घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। पूरे घटनाक्रम पर विधायक हमीदुर्रहमान का कहना है, “मुस्लिम राष्ट्र के हिसाब से कुछ संहिता और न्याय होते हैं। ‘हमारे मुस्लिम राष्ट्र’ में महिलाओं का ऐसा ही न्याय होता है।” इस घटना और बयान के बाद से सबके मन में एक ही प्रश्न उठ रहा है, “क्या बंगाल में शरिया कानून लागू हो गया है?”
कल भारत के प्रधान न्यायाधीश बंगाल के दौरे पर थे। उनके रहते हुए टीएमसी के गुंडों ने एक महिला – पुरुष को, बीच चौराहे पर, सरेआम पीट कर, अपना दुस्साहस दिखाया। लेकिन देश की मुख्यधारा का मीडिया अभी तक इस घटना पर चुप है। टीवी चैनलों पर कोई डिबेट नहीं हो रही। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेत्री प्रियंका वडेरा, सुप्रिया सुळे, पत्रकार सागरिका घोष, अरुंधती रॉय, बरखा दत्त, राणा अय्यूब, नेहा दीक्षित, राजदीप सरदेसाई, प्रिया रामाणी…सब के होंठ सिल गए हैं। सब चुप और अनजान हैं..! कश्मीर पार्ट दो जारी है।
बताया जा रहा है महिला चोपरा के लक्ष्मीकांतपुर गॉंव की रहने वाली है, जहॉं यह घटना हुई। महिला पहले से शादीशुदा थी। बाद में उसका किसी युवक से अफेयर हो गया। इसी घटना के आधार पर सालिशी सभा यानि कंगारू कोर्ट (अवैध कोर्ट) बुलाई गई। इस कोर्ट में ताजेमुल ने महिला को शरिया अनुसार सजा सुना दी, जिसके अंतर्गत उस महिला की बर्बरतापूर्ण पिटाई कर दी गई।
विधायक ने कहा, “महिला की हरकतें असामाजिक थीं। उसने गलत किया। उसने अपने पति, बेटे और बेटी को छोड़ दिया और ‘दुष्ट जानवर’ बन गई।”
उल्लेखनीय है, जनवरी 2014 में भी सालिशी सभा ने एक युवती को ऐसी ही क्रूर सजा दी थी। वह मामला बीरभूम के सुबोलपुर गॉंव का था। गॉंव की एक 20 वर्षीय लड़की का दूसरी कम्यूनिटी के किसी युवक के साथ अफेयर था। 20 जनवरी को सालिशी सभा बुलाई गई। सभा में युवक-युवती को पकड़ लिया गया और पेड़ से बांध कर उनकी पिटाई की गई। इसके बाद, सालिशी सभा (कंगारू कोर्ट) ने उन्हें 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया। युवक ने जुर्माना भर दिया, लेकिन माली हालत ठीक न होने के चलते लड़की जुर्माना भरने में असमर्थ थी। इस पर सालिशी सभा ने युवती के साथ रातभर सामूहिक बलात्कार किए जाने का आदेश दे दिया। मामले में 13 आरोपियों को 20 वर्ष के कारावास की सजा हुई थी