बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : 23 हजार शिक्षकों की नौकरी जाएगी

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : 23 हजार शिक्षकों की नौकरी जाएगी

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : 23 हजार शिक्षकों की नौकरी जाएगीबंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : 23 हजार शिक्षकों की नौकरी जाएगी

कोलकाता। बंगाल में लगभग 23 हजार शिक्षकों के सामने रोजगार का संकट आ गया है। सोमवार, 22 अप्रैल को एसएससी भर्ती में ‘भ्रष्टाचार’ मामले की सुनवाई के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्टेट लेवल सिलेक्शन टेस्ट-2016 के अंतर्गत चुने गए शिक्षकों की परीक्षा को अमान्य घोषित कर दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के इस निर्णय से पश्चिम बंगाल के लगभग 23 हजार शिक्षकों की नौकरी संकट में आ गई है। परीक्षा की जांच के लिए कोर्ट ने सीबीआई को जांच करने और रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

जस्टिस देवांग्सू बसाक और जस्टिस एमडी शब्बर रशीदी की पीठ ने अपना निर्णय देते हुए कहा है कि इस परीक्षा के अंतर्गत चुने गए सभी शिक्षक बीते 8 वर्षों में मिली सैलरी को वापस लौटाएं। उन्होंने कहा कि 24,640 लोगों के अतिरिक्त जितने शिक्षकों की भी भर्ती हुई है, उन्हें 12 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज भी वापस देना होगा।

कोर्ट के इस निर्णय के पीछे आरोप है कि इस शिक्षक भर्ती परीक्षा में 5 से 15 लाख रुपए की रिश्वत लेकर नौकरी दी गई, तथा उन लोगों को भी शिक्षक बना दिया गया, जिन्होंने ओएमआर शीट को खाली तक छोड़ दिया था।

ममता बनर्जी ने कहा- हाईकोर्ट का निर्णय गैर कानूनी
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट के इस निर्णय को गैर कानूनी बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

क्या है पूरा मामला

वर्ष 2014 में पश्चिम बंगाल सरकार ने पश्चिम बंगाल कर्मचारी चयन आयोग (WBSSC) द्वारा सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती किया था। इस भर्ती के लिए एक परीक्षा का भी आयोजन किया गया था। यहां 24,640 रिक्त पदों के लिए परीक्षा ली गई और 23 लाख से अधिक लोग इसमें सम्मिलित हुए। भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2016 तक पूरी हुई। इस भर्ती में अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। इस पूरे प्रकरण को शिक्षक भर्ती घोटाला का नाम दिया गया।

कई लोग जेल भी जा चुके हैं
शिक्षक भर्ती घोटाला प्रकरण में इससे पूर्व भी कई तृणमूल पदाधिकारी जेल जा चुके हैं। इनमें पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी और राज्य शिक्षा विभाग के कई अधिकारी सम्मिलित हैं।

एसएससी ने दायर की याचिका 

नौकरी रद्द करने के आदेश के विरोध में एसएससी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की। जिसके बाद तत्कालीन जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।

निर्णय के विरोध में प्रदर्शन  
हाईकोर्ट के इस निर्णय के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। लगभग चार हजार लोगों ने मंगलवार 23 अप्रैल को हाईकोर्ट के निर्णय को अमान्य बताते हुए कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में प्रोटेस्ट किया। जिन लोगों की नौकरी चली गई, उनके पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मुख्यालय में उसके अधिकारियों से मीटिंग की और स्थिति पर चर्चा की। एजेंसी के अनुसार बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में हमने उनकी समस्यों को सुना। परंतु हमें हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करना होगा।

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