जयपुर : पकड़ा गया 12 बांग्लादेशी घुसपैठियों का परिवार, स्थानीय उस्मान को बनाया दामाद, फिर उसके सहयोग से बनाए जाली दस्तावेज
जयपुर : पकड़ा गया 12 बांग्लादेशी घुसपैठियों का परिवार, स्थानीय उस्मान को बनाया दामाद, फिर उसके सहयोग से बनाए जाली दस्तावेज
जयपुर। भारत में बांग्लादेशी घुसपैठिए एक बड़ी समस्या हैं। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं। हाल ही में जयपुर पुलिस ने लम्बी छानबीन के बाद जयपुर के भांकरोटा में रह रहे एक घुसपैठिए परिवार को पकड़ा है। 12 लोगों के इस परिवार में बालिगों के तौर परसो हाग खान पुत्र इजहार खान, शबनम बीवी सगीर अहमद, मोइन खान पुत्र सोहाग खान, माहिनूर खान पुत्री सोहाग खान, कोहिनूर खान पुत्री सोहाग खान, शाहनूर खान पुत्री सोहाग खान, नसरीन खानम बीवी सोहाग खान के नाम शामिल हैं। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है, जबकि नाबालिगों को सीडब्ल्यूसी के माध्यम से बाल संरक्षण केंद्र भिजवाया गया है। इनके पास से बांग्लादेशी दस्तावेजों के साथ ही जाली भारतीय दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। इनके साथ ही पुलिस ने एक भारतीय नागरिक उस्मान को भी गिरफ्तार किया है, वह जयपुर के सोडाला का रहने वाला है और बांग्लादेशी परिवार का दामाद है। फर्जी दस्तावेज बनाने में इसी ने परिवार की सहायता की।
क्या है मामला
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के अनुसार, 20 अक्टूबर को एक मुखबिर ने भांकरोटा थाना क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशियों के रहने की सूचना दी। जानकारी पक्की होने पर पुलिस ने जयसिंहपुरा स्थित एक जेडीए फ्लैट में दबिश दी, तो वहॉं सोहाग खान का परिवार मिला। फ्लैट की तलाशी में उनके बांग्लादेशी होने के दस्तावेजों जैसे- बांग्लादेश में सम्पत्ति के पेपर, स्कूल प्रमाणपत्र आदि के साथ ही भारतीय दस्तावेज, जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड, जनाधार कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि मिले। सोहाग के बांग्लादेशी पासपोर्ट में उसका नाम सोहाग नवाज तथा शबनम का खातून शिखा लिखा हुआ है। पूछताछ में उन्होंने परिवार के बांग्लादेशी होने और स्थानीय लोगों के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कराने की बात बताई। सोहाग और शबनम भाई बहन हैं। जयसिंहपुरा में ही दोनों अलग अलग फ्लैट्स में अपने अपने परिवारों के साथ रहते हैं। शबनम ने अपनी बेटी शीबा का निकाह सोडाला निवासी उस्मान से किया है। सोहाग खान का कहना है कि वह 20 वर्ष पहले भारत आया था। लेकिन उसके यात्रा रिकॉर्ड से उसके दिसम्बर, 2023 में भारत आने की पुष्टि हुई है। जानकारी के अनुसार, सोहाग पहले परकोटा क्षेत्र में रहता था। इसके बाद सोडाला में झुग्गी-झोपड़ी में रहने लगा। फिर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जेडीए फ्लैट अलॉट करवा लिया।
कैसे हुआ शक?
सोहाग खान ने दो सप्ताह पहले जयपुर आई बांग्लादेशी महिला नुपूर के साथ साढ़े चार लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। नूपुर बांग्लादेश जाने से पहले सोहाग खान का नाम, मोबाइल नंबर, पता और मामला एक पत्र में लिखकर पत्र एयरपोर्ट पर छोड़ गई। फिर उसने बांग्लादेश पहुंचकर वहां की पुलिस को भी अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में बताया। जयपुर पुलिस नुपूर द्वारा एयरपोर्ट पर छोड़े गए पत्र में लिखे मोबाइल नंबर के आधार पर जानकारी जुटा रही थी, कि बांग्लादेश पुलिस से भी मामले की सूचना मिली। पुलिस ने अपने मुखबिर लगा दिए और आरोपियों तक पहुंच गई।
इससे पहले सितम्बर में जयपुर जिले के शाहपुरा क्षेत्र में अपराधियों के सर्च अभियान के दौरान देवन रोड स्थित डेरे से पांच संदिग्धों को पकड़ा था। संदिग्ध गतिविधियों और पूछताछ में संतोषजनक उत्तर न दे पाने के चलते पुलिस ने मकबूल शेख, आलमीन शेख, हफीजल शेख, सोरीफुल शेख और आरिबुल शेख को गिरफ्तार किया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये बांग्लादेशी हैं।
फरवरी 2024 में एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर नाम बदलकर देश में रहने वाले बांग्लादेश के एक व्यक्ति मोहम्मद मेहमूद आलम को जोधपुर से पकड़ा था। वह भारत में किशोर कुमार के नाम से रह रहा था। इसी नाम से उसने फर्जी दस्तावेज बनवा लिए थे। लेकिन उपचार कराने अस्पताल पहुंचा, तो कागजों में गड़बड़ होने के संदेह में अस्पताल कर्मियों ने पुलिस को सूचित कर दिया। पड़ताल में पता चला कि वह जैसलमेर के एक होटल में किशोर कुमार बनकर नौकरी कर रहा है। मोहम्मद महमूद आलम पहले पाकिस्तान में रहता था, फिर कोरोना काल में वह पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचा और बांग्लादेशी पासपोर्ट व वीजा से भारतीय सीमा में घुसा और जैसलमेर में एक होटल में काम करने लगा।
पिछले दिनों हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य द्वारा एक ई-मित्र के निरीक्षण के दौरान फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने का खुलासा हुआ था।