भारत का विकास दुनिया के लिए सुखदायक है- डॉ. भागवत
भारत का विकास दुनिया के लिए सुखदायक है- डॉ. भागवत
सूरत (गुजरात), 19 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सूरत के वेसू में जैन आचार्य महाश्रमणजी से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उन्होंने जैन समाज के एक कार्यक्रम में भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. भागवत ने कहा, हम कभी युद्ध शुरू नहीं करते। लेकिन यह भी तय है कि हम किसी से मार नहीं खाते, वहीं किसी को मारने का भी प्रयास नहीं करते। उन्होंने भारतीय संस्कृति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सबको अपना मानता है। भारत ने सदैव बड़े हृदय का परिचय दिया है। हमारे साथ युद्ध करने वाले भी कभी संकट में हों, तो हम उनकी भी सहायता करते हैं। यह हमारी संस्कृति में शामिल है। उन्होंने कहा पाकिस्तान ने कारगिल में आक्रमण किया। हमारे पास पाकिस्तान पर आक्रमण का विकल्प था। लेकिन हमारी सेना को आदेश था कि बॉर्डर क्रॉस नहीं करना। अपनी सीमा के अंदर कार्रवाई करनी है। सर्जिकल स्ट्राइक की, तब भी पूरे पाकिस्तान पर अटैक नहीं किया। क्योंकि, हमारा आदर्श सूत्र है कि सबकी आत्मा समान है। जब किसी का जीवन बर्बाद होता है, तो उससे बहुतों को दुख होता है। सबका जीवन ठीक रहे, तो कैसी भी स्थिति में सभी सुखी रहते हैं। इस सत्य को हमने पहचाना है। उन्होंने कहा, समस्याओं का समाधान हम मिलकर निकालेंगे। दुनिया हमसे बहुत कुछ सीखेगी। भारत का विकास दुनिया के लिए सुखदायक है।
डॉ. भागवत दो दिन के गुजरात दौरे पर थे और चातुर्मास के अवसर पर जैन समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।