भारत की समृद्ध भाषाई विरासत इसे विशिष्ट बनाती है- हरिभाऊ बागड़े
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भारत की समृद्ध भाषाई विरासत इसे विशिष्ट बनाती है- हरिभाऊ बागड़े
अहमदाबाद, 17 फरवरी। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि नई शिक्षा नीति मातृभाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ मौलिक शोध को भी प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि भारत एकता में अनेकता का प्रतीक है, इसकी समृद्ध भाषाई विरासत इसे विशिष्ट बनाती है। शैक्षिक प्रगति के साथ विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए भाषाओं की संस्कृति से जुड़े शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।
बागड़े रविवार को अहमदाबाद में डॉ. मफतलाल पटेल, अचला एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में भाषा और साहित्य की शिक्षा एवं संशोधन: स्थिति एवं संभावनाएँ विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में ऐसी शिक्षा और संस्कारों की आवश्यकता है, जिससे विद्यार्थी अपने हित को देश की प्रगति से जोड़कर देख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भाषा और साहित्य की पढ़ाई को सशक्त बनाने के लिए संसाधनों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रत्येक भाषा की अपनी साहित्यिक परंपरा होती है, जो हमारी संस्कृति और पहचान का अभिन्न अंग है।
राज्यपाल ने कहा कि भाषा और साहित्य में संशोधन एक सतत प्रक्रिया है। साहित्य भाषा का दर्पण होता है, जो समय के साथ होने वाले परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीयता की भावना को सुदृढ़ करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।