भारत में जनसंख्या नीति बनना आवश्यक

भारत में जनसंख्या नीति बनना आवश्यक

भारत में जनसंख्या नीति बनना आवश्यकभारत में जनसंख्या नीति बनना आवश्यक

‘भारत के विकास में असंतुलित जनसंख्या बाधा बनकर उपस्थित हुई है, इस विषय में राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए।’ उक्त विषय पर राजस्थान विश्वविद्यालय में रविवार 10 जुलाई, 2022 को भूगोल विभाग और सोशल थिंकर्स के तत्वाधान में एक परिचर्चा का आयोजन हुआ।

परिचर्चा का संचालन करते हुए जनसांख्यिकी विशेषज्ञ अविनाश ने कहा कि भारत में जनसंख्या के असंतुलित रूप से बढ़ने के कारण अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, जिन पर विचार करना आवश्यक है। अवैध रूप से भारत में आए लोगों ने इस समस्या को और अधिक जटिल बनाया है।

परिचर्चा का सार बताते हुए प्रसिद्ध पत्रकार अर्चना ने कहा कि दिशाहीन रूप से बढ़ती हुई जनसंख्या किसी भी राष्ट्र के लिए संसाधन के रूप में उपयोगी नहीं हो सकती, क्योंकि लक्ष्यहीन लोगों के भटकने की सर्वाधिक संभावना होती है। साथ ही दिग्भ्रमित और अनियंत्रित समुदाय अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म देते हैं।

परिचर्चा में भाग ले रहे सभी प्रबुद्ध युवाओं ने बारी बारी से अपने विचार रखे इस बात से सभी एकमत थे कि ‘हम दो–हमारे दो’ का नारा नीति में परिवर्तित होकर सभी भारतीयों पर समान रूप से लागू हो।

इस अवसर पर ऐश्वर्या ने सोशल थिंकर्स समूह में होने वाली गतिविधियों का परिचय दिया। परिचर्चा का संयोजन मोहन व आभार ब्रम्हदत्त ने किया। कार्यक्रम में अनेक शोधार्थी भी उपस्थित थे।

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