मतांतरण पर रोक हेतु बने केंद्रीय कानून – विहिप
मतांतरण चर्चा में है। भारत में सदियों से यह घिनौना खेल चलता आ रहा है, जो स्वतंत्रता के बाद भी नहीं रुका। अवैध मतांतरण ने भारतीय संस्कृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है। प्रतिदिन हो रहे नए नए खुलासों से हिन्दू समाज उद्वेलित है। मतांतरण पर रोक हेतु केंद्रीय कानून बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।
विश्व हिन्दू परिषद ने मूक बधिर बच्चों को मतांतरित करने के षड्यंत्र की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से मतांतरण के विरुद्ध जल्द कानून बनाने की मांग की है। विहिप की ओर से इस हेतु एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के जामिया नगर में मतांतरण के षड्यंत्र कार्यों के पकड़े जाने के बाद आज पूरे देश को यह स्पष्ट हो गया है कि मतांतरण का जाल कितना गहरा, व्यापक, घिनौना और राष्ट्रव्यापी है। ये लोग अभी तक भोले और मासूमों को अपना शिकार बनाते थे। लेकिन अब ये मूक बधिर बालकों को भी निशाना बनाने का अमानवीय अपराध कर रहे हैं। कई बच्चे लापता हैं। इनको आतंकी गतिविधियों में शामिल किए जाने की आशंका है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मतांतरण के काम में लगे लोगों को विदेशों से पैसा मिल रहा है तथा मुस्लिम समाज का एक वर्ग इनका समर्थन भी कर रहा है। इसलिए बिना तथ्यों के जाने एक मुस्लिम नेता ने इनको निरपराध घोषित कर दिया। हो सकता है कि इनके बचाव के लिए ये लोग बड़ी-बड़ी राशि देकर बड़े वकीलों की एक फौजी भी खड़ी कर दें, जैसा ये पहले भी करते रहे हैं। इनका यह षड्यंत्र आज का नहीं है। इस्लाम के भारत में प्रवेश के साथ ही धर्मांतरण का कुचक्र शुरू हो गया था। इस षड्यंत्र का स्वरूप राष्ट्रव्यापी है तथा इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। इसीलिए एक न्यायपालिका ने कहा था कि लव जिहाद मतांतरण का सबसे घिनौना रूप है।
कोरोनाकाल में पीड़ितों की सहायता के लिए संपूर्ण देश पूर्ण समर्पण के साथ जुटा है परंतु, जिहादी और मिशनरी अपने इस घिनौने एजेंडे को लागू करने में लगे हैं। उत्तर प्रदेश में मतांतरण विरोधी कानून होने के कारण इनका यह ग्रुप पकड़ा गया। परंतु जहां यह कानून नहीं है, वहां तो इनके लिए मैदान खुला है। टूल किट गैंग इनकी सहायता के लिए तत्पर रहता है।
विहिप का मत है कि अब मतांतरण के इस घिनौने स्वरूप की व्यापक जांच के लिए नियोगी कमीशन जैसा जांच आयोग बनाना चाहिए, जिसका कार्य क्षेत्र संपूर्ण देश हो। नियोगी कमीशन और वेणुगोपाल कमीशन ने मतांतरण विरोधी केंद्रीय कानून बनाने की सिफारिश की थी। संविधान सभा के कई सदस्य भी इस मत के थे। इसीलिए केंद्र सरकार को अवैध मतांतरण रोकने के लिए कानून बनाने पर विचार करना चाहिए। मतांतरण के कारण देश विभाजन की त्रासदी झेल चुका है और आज भी जिहादी आतंकवाद की पीड़ा का सामना कर रहा है। अब भारत को इस मानवता विरोधी षड्यंत्र से मुक्त कराने का समय आ गया है।