मरुभूमि फिल्म सोसायटी जोधपुर के तत्वाधान में फिल्म स्क्रीनिंग कार्यशाला का हुआ आयोजन
मरुभूमि फिल्म सोसायटी जोधपुर के तत्वाधान में फिल्म स्क्रीनिंग कार्यशाला का हुआ आयोजन
जोधपुर। कम शब्दों में व्यथा-कथा कहने वाली अद्भुत लघु फिल्म है ‘वॉशिंग मशीन’। कम समय और संवादों के साथ ऐसी मर्मस्पर्शी फ़िल्म बनाना निर्देशक के ‘ब्रिलिएंट माइंड’ को दर्शाता है। ऐसी फिल्में निरंतर बननी चाहिए। जोधपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी, समालोचक और फिल्म विशेषज्ञ कुमार राजीव ने मरुभूमि फिल्म सोसायटी जोधपुर द्वारा फिल्म स्क्रीनिंग कार्यशाला में उपरोक्त विचार व्यक्त किए।
फ़िल्म सोसायटी के सुधांशु टाक ने कहा कि जोधपुर के फिल्मकारों और कलाकारों की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बने तथा स्थानीय फिल्मों के निर्माण व प्रदर्शन में उचित सहयोग मिले, इस हेतु सोसायटी का गठन हुआ था। सोसायटी के तत्वाधान में प्रथम बार फ़िल्म स्क्रीनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया है। स्क्रीनिंग में हाल ही में भोपाल में भारतीय चित्र साधना द्वारा आयोजित चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार प्राप्त, जोधपुर के युवा फिल्मकार आनंद चौहान की पुरस्कार विजेता लघु फिल्म “वॉशिंग मशीन”, झुंझुनूं के युवा फिल्मकार अरविंद चौधरी की नामांकित लघु फ़िल्म ‘हाथ रपिया’, मनीष राठी की लघु फिल्म “रोशनी”, एवं ऋचा राजपुरोहित की विज्ञापन फिल्म का प्रदर्शन सरदारपुरा डी रोड स्थित उत्कर्ष क्लासेज भवन के भव्य ऑडिटोरियम में किया गया। फिल्म के प्रदर्शन के पश्चात एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें लघु फिल्म बनाने से जुड़े विभिन्न आयामों जैसे निर्देशन, संपादन, सिनेमैटोग्राफी, साउंड रिकॉर्डिंग इत्यादि पर सारगर्भित चर्चा विशेषज्ञों द्वारा की गई।
कार्यशाला में पश्चिमी राजस्थान व आसपास के 13 जिलों के प्रतिनिधियों के साथ स्थानीय युवाओं की भागीदारी रही। प्रसिद्ध उपन्यासकार, रंगकर्मी और मोटिवेशनल स्पीकर अयोध्या प्रसाद गौड़ ने मॉडरेटर के रूप में कार्यशाला का संचालन किया।
अयोध्या प्रसाद गौड़ ने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा आने वाले समय का भविष्य है। जब सभी क्षेत्रीय सिनेमा आगे बढ़ रहे हैं, तब राजस्थानी सिनेमा को भी दमदार फिल्में बना अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी होगी। समारोह के अंत में तरुण गहलोत ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।