महिला सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाएगी जयपुर डेयरी, महिला आयोग के साथ साइन किया एमओयू

महिला सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाएगी जयपुर डेयरी, महिला आयोग के साथ साइन किया एमओयू

महिला सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाएगी जयपुर डेयरी, महिला आयोग के साथ साइन किया एमओयूमहिला सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाएगी जयपुर डेयरी, महिला आयोग के साथ साइन किया एमओयू

जयपुर। 50 वर्षों की सफलता की स्वर्ण जयंती मना रही जयपुर डेयरी अब महिला सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाएगी। शनिवार को बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में अपने 23 नए उत्पादों की लॉन्चिंग के साथ ही डेयरी संघ ने राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ एक एमओयू साइन किया। एमओयू के माध्यम से डेयरी क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम, नवाचार, डिजिटल साक्षरता और उद्यमशीलता के अवसरों पर कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इस अवसर पर जयपुर डेयरी द्वारा सरस मायरा योजना शुरू किए जाने की घोषणा की। इसके अंतर्गत बेटियों के विवाह के लिए 21,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा, जयपुर डेयरी के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण के अनेक नवाचार हो रहे हैं। इस दिशा में सरस मायरा योजना एक नई पहल है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम और सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दत्त भी उपस्थित रहे।

कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा, जयपुर डेयरी 50 वर्षों से लगातार प्रगति कर रही है। 250 लीटर से शुरू होकर आज 15 लाख लीटर दूध प्रतिदिन वितरित किया जा रहा है। इससे हजारों परिवारों को रोजगार मिला है, विशेषकर महिलाओं को। राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा, आज जयपुर डेयरी केवल दूध तक सीमित नहीं रही। यह संस्था अब सामाजिक सहभागिता में भी आगे आ रहा रही है।

जयपुर डेयरी की 50 वर्षों की यात्रा
जयपुर डेयरी ने 50 वर्षों में एक लंबी और प्रेरणादायक यात्रा तय की है। इसकी नींव 1974 में बहुत ही छोटे स्तर पर रखी गई थी। उस समय प्रतिदिन 250 लीटर दूध का संग्रहण होता था, जो कुछ गांवों से लेकर शहर तक सीमित था। लेकिन आज, यह मात्रा 15 लाख लीटर प्रतिदिन के आंकड़े को पार कर चुकी है। 1974 में डेयरी ने शहरी उपभोक्ताओं को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण दूध उपलब्ध कराने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य के साथ किसानों और पशुपालकों को संगठित करना शुरू किया। बाद में समय के साथ तकनीक और नवाचार को अपनाते हुए महिलाओं को भी जोड़ा। आज सहकारी मॉडल के अंतर्गत डेयरी में बड़ी संख्या में महिलाएं सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। अब जयपुर डेयरी केवल एक डेयरी यूनिट नहीं, बल्कि राजस्थान की डेयरी क्रांति का प्रतीक बन चुकी है – जहाँ स्वाद, समर्पण और सशक्तिकरण का संगम देखने को मिलता है।जयपुर डेयरी की यह पहल न केवल उत्पाद विस्तार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक प्रभावशाली कदम है। जयपुर डेयरी का सरस ब्रांड अब केवल स्वाद की पहचान नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदना और विकास का भी प्रतीक बन गया है।

जयपुर डेयरी ने सरस ब्रांड के अंतर्गत दूध से बने कई उत्पाद – दही, घी, मक्खन, छाछ, पनीर व मिठाइयों के साथ ही आइसक्रीम व श्रीखंड जैसे फ्लेवरयुक्त उत्पाद भी बाजार में उतारे हैं। शनिवार को लॉन्च किए गए 23 नए उत्पादों में 3 कोल्ड कॉफी फ्लेवर, 5 फ्लेवर्ड मिल्क, 10 प्रकार की कैंडी आइसक्रीम एवं 5 श्रीखंड फ्लेवर शामिल हैं।

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