मीणा समाज सनातन हिन्दू समाज का ध्वजवाहक – कुलस्ते
मीणा समाज सनातन हिन्दू समाज का ध्वजवाहक है। राजस्थान की धरा पर हजारों वर्षों से शासन करने वाला मीणा समाज भगवान विष्णु के प्रथम अवतार मीन भगवान का वंशज है। यह बात केंद्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने शनिवार को सनातनी आदिवासी मीणा संस्था की ओर से आदिवासी समाज का सांस्कृतिक व धार्मिक इतिहास विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही।
केंद्रीय मंत्री कुलस्ते ने कहा कि मत्स्य भगवान ने प्रकृति को बचाने का कार्य किया था, आज मत्स्य भगवान के वंशज मीणा समाज पर जिम्मेदारी आ गई है कि जो लोग हमारे समाज पर एक विचार थोप रहे हैं उनको करारा जवाब दें। उन्होंने कहा कि आदिवासी पहले सनातनी हिन्दू हैं। इनकी पूजा पद्धति और हिंदुओं की पूजा में कोई अंतर नहीं है। कुछ लोग जनजाति समाज के लिए अलग धर्म कोड की मांग उठा रहे हैं। वे लोग धर्म और समाज को बांटने के प्रयास कर रहे हैं।
संगोष्ठी की प्रस्तावना रखते हुए सनातनी आदिवासी मीणा संस्था के अध्यक्ष पंकज मीणा ने कहा कि जब आराध्य देव समान, पूजा पद्धति समान, तो आदिवासी हिन्दू से अलग नहीं हो सकता। पौराणिक ग्रंथों व सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेषों से ज्ञात होता है कि भारत के आदिवासी भगवान शिव और अपनी कुलदेवी की पूजा करते थे। उन्होंने कहा कि मतांतरण को बढ़ावा देने वाले अन्य मतावलम्बी जनजाति समाज को भड़का रहे हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा कि जिन समाजों का इतिहास व साहित्य नहीं होता, वह मुर्दा समान होता है। इसलिए राजस्थान के मीणा समाज को अपने गौरवपूर्ण इतिहास व साहित्य पर मेहनत करनी चाहिए। सोलंकी ने कहा कि वैदिक काल से ही हमारा समाज देवी देवताओं की पूजा करता आ रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे विशिष्ट अतिथि रमेश मीणा ने कहा कि राजस्थान के आदिवासी समाज को गॉंव गॉंव जाकर जागरूक किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष राजेश मीणा ने प्रस्ताव वाचन किया। जिसे पूर्ण बहुमत से हाथ ऊपर कर पारित किया गया। कार्यक्रम का संचालन हनुमान सहाय सिरसी ने किया।