मीणा समाज सुधार महापंचायत में ऐतिहासिक निर्णय, दहेज प्रथा और मृत्यु भोज पर पूर्ण प्रतिबंध

मीणा समाज सुधार महापंचायत में ऐतिहासिक निर्णय, दहेज प्रथा और मृत्यु भोज पर पूर्ण प्रतिबंध
अलवर, 26 मार्च 2025। पिछले दिनों राजगढ़, अलवर स्थित मीना हाईकोर्ट, मीन भगवान मंदिर, दुब्बी-भजेडा में मीणा समाज सुधार महापंचायत का आयोजन हुआ, जहॉं से सामाजिक समरसता की दिशा में समाज सुधार की अनेक अच्छी पहलें देखने को मिलीं। इस ऐतिहासिक बैठक में समाज के पंच-पटेल, बुद्धिजीवी, व्यापारी और प्रोफेशनल्स सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। महापंचायत में समाज में फैली कुरीतियों पर गहन मंथन के बाद उन्हें दूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जैसे-
1. समाज में दहेज का लेन-देन नहीं होगा।
2. मीणा समाज हिंदू धर्म व अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखेगा।
3. मीणा समाज नशामुक्त समाज होगा। समाज में नशे के किसी भी रूप पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
4. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का मान सम्मान किया जाएगा। इस रिश्ते से सम्बंधित सभी पारंपरिक त्योहार मनाए जाएंगे।
5. कोई अपने परिजन की मृत्यु पर मृत्यु भोज नहीं करेगा
6. विवाह दिन में होंगे। बारात दिन में जाएगी और रात से पहले विदाई होगी।
7. विवाह में आभूषण दूल्हा पक्ष द्वारा ही लाए जाएंगे। बारात में पटाखे, स्प्रे, आतिशबाजी पर रोक रहेगी। डीजे की अनुमति नहीं होगी, केवल घर की चारदीवारी में दो स्पीकर चलाए जा सकेंगे।
8. टीका प्रथा समाप्त होगी। केवल लग्न भेजा जाएगा, विवाह में केवल 5-10 लोग ही जामना व लग्न में जा सकेंगे
9. सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो या घृणा फैलाने वाली सामग्री शेयर करना प्रतिबंधित रहेगा।
10. जन्मदिन और गोद भराई की रस्में समाप्त होंगी।
11. महिला की मृत्यु पर पीहर पक्ष से सिर्फ एक लुगड़ी और पुरुष की मृत्यु पर ससुराल पक्ष से एक धोती लाई जाएगी। तीये की बैठक में केवल 2 से 5 व्यक्ति शामिल होंगे और गंगाजी से आने पर पहरावणी नहीं होगी।
समाज विरोधी माने जाएंगे नियम तोड़ने वाले
महापंचायत में तय किया गया कि इन नियमों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों को समाज विरोधी माना जाएगा। ये सभी निर्णय 22 मार्च 2025, शनिवार से ही लागू किए गए।