मेवात में एक और हिंदू नाबालिग बालिका का अपहरण
अपहरण, दुष्कर्म और मतांतरण के लिए कुख्यात मेवात के काले इतिहास में 11 जुलाई को एक और घटना जुड़ गई, जब एक सोलह वर्षीया हिंदू नाबालिग बालिका के अपहरण का पता चला।
मामला लवजिहाद का बताया जा रहा है। 15 दिन पहले पिंकी (बदला हुआ नाम) निवासी नैवाड़ी, तहसील नदबई, भरतपुर अपनी बुआ के घर गाँव ढण्डका, भरतपुर में रहने आई थी। बुआ के घर के पास ही अख्तर का घर है। वहीं यह लड़की अख्तर के संपर्क में आई। कुछ दिन बुआ के पास रहकर पिंकी अपने गॉंव चली गई। लेकिन यहॉं भी अख्तर ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। 11 जुलाई की रात तीन बजे परिजनों न देखा तो पिंकी घर पर नहीं थी। घर से गहने और नकदी भी गायब थे। आरोप है कि अख्तर लड़की को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया जिसमें लड़के के परिजनों ने पूरी मदद की।
12 जुलाई को लड़की के परिवार ने भरतपुर के हलैना थाने में इस सम्बंध में प्राथमिकी दर्ज कराई है। परंतु पुलिस अभी तक दोनों को सामने नहीं ला पाई है।
लड़की के चाचा का कहना है कि ढूंढने पर पता चला है कि अख्तर और पिंकी रामगढ़ में अख्तर के रिश्तेदार बसरू खान निवासी सहजपुर नंगली, तहसील- रामगढ, जिला- अलवर के घर तीन दिन रुके थे। जहाँ से उन्हें अन्यत्र कहीं भेज दिया गया। इसके बाद बसरू खाँ का भी कोई पता नहीं है। उसका मोबाइल बंद आ रहा है। लेकिन कथित तौर पर वह किसी नए नम्बर से अपने परिवार के सम्पर्क में जरूर है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बसरू खान रामगढ़ के पूर्व प्रधान नसरू खान का सगा भांजा है। कांग्रेसी कार्यकर्ता होने के नाते इन्हें रामगढ़ की विधायक साफिया खान का पूर्ण समर्थन प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि रामगढ़ तहसील के ही अंजुम खान ने भी महीने भर पहले एक हिंदू लड़की को बरगलाने की कोशिश की थी। 2020 में ही टोडियार नंगली निवासी वारिफ खान द्वारा भी एक सिख लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का मामला सामने आया था। दोनों ही प्रक्रिया में लड़कियॉं अपने माता पिता के पास हैं।
आखिरकार , मेवात में दिनों दिन बढ रही , इन घटनाओं पर पुलिस और प्रशासन कब तक आंखें मूंदकर बैठे रहेंगे। अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर सख्त तुरन्त कार्रवाई करने की जरूरत है अन्यथा मेवात में हिन्दुओं का रहना बहुत मुश्किल हो जाएगा।