सरकार ने गेहूं समेत 6 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया
कृषि सुधार विधेयक आने के बाद से ही लगातार घमासान मचा हुआ था। सरकार बार बार कह रही थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य, कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) की व्यवस्था बनी रहेगी, सरकारी खरीद होती रहेगी और इसके साथ किसान जहां चाहें अपने उत्पाद बेच सकेंगे। अपनी इसी बात के समर्थन में न्यूनतम मूल्य आधारित खरीद प्रक्रिया जारी रहेगी का संदेश देते हुए सरकार ने फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के लिए गेहूं समेत 6 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
कृषि मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य इसकी उत्पादन लागत से 106 प्रतिशत अधिक है। चना व मसूर के मामले में यह उत्पादन लागत से 78 प्रतिशत, जौ के मामले में 65 प्रतिशत, सरसों के मामले में 93 प्रतिशत और सैफ्लोवर के मामले में एमएसपी उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक है।
गेहूं :
समर्थन मूल्य – 1975 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 2.6 प्रतिशत यानी 50 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 106 प्रतिशत
चना :
समर्थन मूल्य – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि – 4.6 प्रतिशत यानी 225 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 78 प्रतिशत
मसूर:
समर्थन मूल्य – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 6.3 प्रतिशत यानी 300 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 78 प्रतिशत
जौ:
समर्थन मूल्य – 1600 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 4.9 प्रतिशत यानी 75 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 65 प्रतिशत
सरसों :
समर्थन मूल्य – 4650 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 5.1 प्रतिशत यानी 225 रुपये प्रति क्विंटल
लाभ – 93 प्रतिशत