राकेश टिकैत के विरुद्ध अलवर में लोगों का फूटा गुस्सा
देश में किसानों के नाम पर राजनीति कोई नई नहीं है। 70 साल से सरकारों ने किसानों की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। किसानों के नाम पर लाखों करोड़ों खुद ही खा गए। अब केंद्र सरकार के सख्त रुख के बाद कुछ हाथ नहीं आ रहा है तो किसानों को भड़काने का काम किया जा रहा है। पिछले चार महीनों से देश में किसानों के नाम पर राजनीति चल रही है। दिल्ली बॉर्डर से शुरू हुआ प्रदर्शन 26 जनवरी को लाल किले पर दिखा। इसके बाद आंदोलन करने वाले कई किसान पीछे हट गए। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपनी महत्वकांक्षा रोक नहीं पाए। टिकैत अब जगह जगह किसानों के नाम पर सभाएं कर रहे हैं। राजस्थान के जयपुर और नागौर में फेल हुई सभाओं के बाद टिकैत ने शुक्रवार को अलवर में सभा को संबोधित किया अलवर के हरसौली में सभा करने के बाद बानसूर जा रहे टिकैत के खिलाफ लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। इन लोगों ने टिकैत की गाड़ियों पर पथराव कर दिया।
सभा किसानों की नहीं, सिर्फ नेताओं की..!
किसानों के नाम पर अलग अलग जगहों पर रैलियां करने वाले टिकैत राजनीतिक षड्यंत्र में फंस गए हैं। वामपथियों की विचारधारा पर शुरू हुआ आंदोलन अब पूरी तरह से सरकार के विरुद्ध नजर आ रहा है। जयपुर और नागौर की सभाओं में सिर्फ लाल झंडे ही नजर आ रहे थे। अलवर की सभा से पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश यादव, भौंरेलाल बागड़ी, बस्तीराम यादव, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय यादव सहित कांग्रेस नेताओं ने सभा स्थल का जायजा लिया।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, किसान नेता युद्धवीर सिंह चौधरी, राजस्थान जाट महासभा अध्यक्ष राजाराम मील, राष्ट्रीय प्रवक्ता किसान मोर्चा योगेन्द्र यादव, किसान नेता अमराराम चौधरी अलवर की सभा में उपस्थित रहे। प्रदेश में जहां सबसे बड़े त्यौहार होली के मौके पर लोग घरों से नहीं निकले। सरकार ने कोरोना के कारण गाइड लाइन जारी कर रखी है। लेकिन किसान रैली में किसी तरह के नियमों का पालन नहीं हुआ।
कांग्रेस सरकार से सांठगांठ का आरोप
पूर्व विधायक रामहेत यादव ने बानसूर और हरसोली की सभाओं को लेकर राजस्थान की सरकार और राकेश टिकैत पर निशाना साधा है। पूर्व विधायक ने कोरोना का हवाला देते हुए कहा कि होली के मौके पर धारा 144 लागू होने के बावजूद किसान सभा की अनुमति क्यों दी गई। यादव ने इसमें सरकार से सांठगांठ होने का आरोप लगाया। हालांकि नागौर की सभा के दौरान हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के नेता नजर नहीं आए।