राजस्थान में बढ़ रहा गांजे का कारोबार
राजस्थान में नशा विशेष तौर पर गांजे का कारोबार धीरे धीरे अपनी जड़ें जमाने लगा है। शनिवार को पुलिस ने डूंगरपुर के जालूकुआं गॉंव में कपास के बीच में अवैध रूप से गांजे की खेती कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, किसी ने पुलिस को कपास की फसल के बीच गांजे की खेती किए जाने की सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने व्यक्ति के खेत व घर से गांजे के 23 पौधों समेत 30 किलो गीला व 1 किलो 100 ग्राम सूखा गांजा बरामद किया। उसके पास गांजे की खेती के लिए दिया जाने वाला पट्टा / अनुज्ञा पत्र भी नहीं था। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया है।
इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने भेमई के हिण्डोलिया में 22 किलो गांजे के 40 हरे गीले पौधों के साथ 65 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने अपने रिहायशी मकान के पास स्थित बाड़े में गांजे के पौधे उगा रखे थे।
शुक्रवार को ही बांसवाड़ा में बीच शहर में स्थित नगर परिषद की दीवार के सहारे चने मूंगफली के ठेले पर खुले आम गांजा बेचे जाने का मामला भी सामने आया था।
इस मामले में पुलिस ने ठेला संचालक आंबावाड़ी, भंडारिया निवासी 60 वर्षीय अनवर पुत्र मजीद मंसूरी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उसके कब्जे से 145.7 ग्राम गांजा भी मिला। अभी तक केवल ठेला संचालक की ही गिरफ्तारी हुई है जबकि जानकारी के अनुसार युवाओं को गांजा बांटने का काम उसका बेटा करता है। कथित तौर पर आरोपी अब तक लगभग 10 किग्रा गांजा बांट चुका है।
गांजे के साथ पकड़ा गया आरोपी अनवर
उल्लेखनीय है कि शहर में नगर परिषद की सहमति से ही ठेले लगते हैं। ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में बीच शहर में गांजा बेचे जाने पर कई तरह के प्रश्न उठ रहे हैं, यहॉं तक कि कुछ पुलिस वालों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। यह क्षेत्र जंगल से जुड़ा हुआ है, इसलिए यहॉं भी गांजे की खेती से इन्कार नहीं किया जा सकता।