राजस्थान में एक हजार पंचायतों में बर्तन बैंक की शुरुआत

राजस्थान में एक हजार पंचायतों में बर्तन बैंक की शुरुआत
जयपुर, 5 अप्रैल। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अंतर्गत राजस्थान सरकार ने प्रदेश की एक हजार ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक पंचायत को एक-एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी, जिससे स्टील के बर्तनों के 400 सेट खरीदे जाएंगे।
कोटा जिले में हुआ शुभारंभ
मंगलवार को शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कोटा जिले की मंडाना और सावन भादों ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक का लोकार्पण किया। इससे पहले खैराबाद पंचायत में बर्तनों के 900 सेट के साथ प्रदेश के पहले बर्तन बैंक की शुरुआत की गई थी।
इस अवसर पर कोटा के यूआईटी सभागार बालाजी नगर में पंचायती राज विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें लाडपुरा विधायक कल्पना देवी, किशनगंज विधायक ललित मीणा, अमृत कुआं और स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक सलोनी खेमका और सांगोद पंचायत समिति के प्रधान जयवीर सिंह उपस्थित रहे।
कैसे मिलेगा बर्तनों का लाभ?
प्रत्येक बर्तन बैंक में स्टील के बर्तनों के 400 सेट रहेंगे। प्रति सेट 3 रुपये किराया निर्धारित किया गया है। गरीब, बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांगों को किराए में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। बर्तन सेट में एक थाली, तीन कटोरी, एक चम्मच और एक गिलास शामिल होगा। बर्तनों पर संबंधित पंचायत का नाम और स्वच्छ भारत मिशन का लोगो अंकित होगा। पांच वर्ष बाद बर्तनों को बदला जाएगा। जो बर्तन अच्छी स्थिति में होंगे, उनका आगे भी उपयोग किया जाएगा। बर्तन बैंक के संचालन की जिम्मेदारी सावन भादों ग्राम पंचायत में नारायणी स्वयं सहायता समूह और मंडाना ग्राम पंचायत में शीतला माता स्वयं सहायता समूह को सौंपी गई है। राजीविका योजना के अंतर्गत संचालित ये समूह बर्तनों की देखभाल करने से लेकर रिकॉर्ड मेंटेन करने और उपयोगकर्ताओं को बर्तन देने-जमा करने का कार्य करेंगे। पंचायती राज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने बताया कि सरकार ने बर्तन बैंक स्थापित करने की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं और जल्द ही एक हजार पंचायतों को इस योजना के लिए राशि जारी कर दी जाएगी।
प्लास्टिक मुक्त गांव बनाने की दिशा में बड़ा कदम
बर्तन बैंक की यह पहल विवाह समारोहों, सामाजिक आयोजनों और पंचायत स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्लास्टिक के उपयोग को रोकने में सहायता करेगी। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गांवों में कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को भी बेहतर किया जा सकेगा।
झुंझुनूं की सरपंच नीरू यादव की पहल बनी प्रेरणा
उल्लेखनीय है कि झुंझुनूं जिले की लांबी अहीर ग्राम पंचायत की सरपंच नीरू यादव ने कुछ समय पहले अपने गांव में बर्तन बैंक की शुरुआत की थी, जिसे अब राज्य सरकार ने पूरे राजस्थान में लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार की इस पहल से न केवल गांवों में प्लास्टिक कचरे की समस्या कम होगी, बल्कि महिलाओं के रोजगार और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।