राजस्थान में साइबर ठगी का भंडाफोड़: फर्जी सिम सप्लाई करने वाला शाहिद गिरफ्तार, ठगी करने वाला गिरोह भी पकड़ा

राजस्थान में साइबर ठगी का भंडाफोड़: फर्जी सिम सप्लाई करने वाला शाहिद गिरफ्तार, ठगी करने वाला गिरोह भी पकड़ा

राजस्थान में साइबर ठगी का भंडाफोड़: फर्जी सिम सप्लाई करने वाला शाहिद गिरफ्तार, ठगी करने वाला गिरोह भी पकड़ाराजस्थान में साइबर ठगी का भंडाफोड़: फर्जी सिम सप्लाई करने वाला शाहिद गिरफ्तार, ठगी करने वाला गिरोह भी पकड़ा

राजस्थान में साइबर ठगी से जुड़े दो बड़े मामले सामने आये हैं। भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में पहाड़ी थाना पुलिस ने फर्जी सिम बेचने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक गिरोह को पकड़ा है।

डीग में फर्जी सिम बेचने वाला गिरफ्तार
डीग जिले के पहाड़ी थाना पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले शाहिद नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है। शाहिद साइबर ठगों को मोटी रकम लेकर फर्जी सिम उपलब्ध कराता था। पुलिस ने शाहिद के पास से चार फर्जी सिम कार्ड भी प्राप्त किए हैं। पहाड़ी थाना अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि 17 फरवरी को थाना पुलिस ने चार साइबर ठगों – नदीम (निवासी गंगोरा), फारुख (निवासी तिलकपुरी), साहिल (निवासी पुनाय), वसीम (निवासी उभाका) को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में सामने आया कि वे सोलाका के एक व्यक्ति से फर्जी सिम खरीदते थे। पुलिस ने जब इस व्यक्ति की ढूंढना शुरू किया, तो सोलाका से महमदपुर जाने वाले रास्ते पर शाहिद को पकड़ लिया गया। पूछताछ में सामने आया कि शाहिद एक दिहाड़ी मजदूर है, जिसके कुछ साथी गुरुग्राम में मजदूरी करते हैं। वह इन्हें पैसों का लालच देकर उनके नाम पर सिम कार्ड निकलवाता था और फिर इन्हें साइबर ठगों को बेचता था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि शाहिद ने कितने साइबर ठगों को फर्जी सिम बेचे हैं और इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।

वहीं अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह को पकड़ने में सफलता पाई है। पुलिस ने गांव नसवारी से एक आरोपी और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है।

थानाधिकारी बनेसिंह ने बताया कि पुलिस को स्थानीय लोगों से ऑनलाइन ठगी की कई शिकायतें मिली थीं। इस पर कार्रवाई करते हुए 35 वर्षीय अरशद खान और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के पास से दो एंड्रॉइड मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।

ऐसे करते थे ठगी
पूछताछ में पता चला कि ये ठग फोन कर खुद को पीड़ितों का परिचित बताते थे। फिर किसी समस्या का बहाना बनाकर पीड़ितों से दूसरे खाते में पैसे डालने को कहते थे। कई बार ये लोग फर्जी मैसेज भेजकर भी ऑनलाइन ठगी करते थे।

इन दोनों मामलों के बाद पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि ये गिरोह कितने लोगों को ठग चुके हैं और इनके अन्य साथी कौन-कौन हैं। डीग और गोविंदगढ़ पुलिस अब इन अपराधियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए आगे की कार्रवाई कर रही है।

साइबर ठगी से बचाव के लिए पुलिस ने अपील की है कि—
अनजान नंबरों से आए कॉल या संदेशों पर विश्वास न करें।
किसी को भी OTP, बैंक डिटेल या अन्य निजी जानकारी न दें।
ठगी का संदेह होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

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