राजस्थान : लॉकडाउन में भी सक्रिय हैं शराब तस्कर
– दर्शन कुमार
सम्पूर्ण भारत में कोरोना के कारण गत एक माह से लॉकडाउन लागू है। लेकिन राजस्थान के शराब माफियाओं के मन में इसे लेकर न कोई चिंता है और न ही कोई भय। यहाँ प्रतिदिन बड़े पैमाने पर अवैध शराब (अंग्रेजी और देशी) की आपूर्ति की जा रही है।ताजा मामला 20 अप्रैल 2020 का है। इस दिन राज्य में 8 से अधिक स्थानों पर कार्यवाही कर करोड़ों रूपए की अवैध शराब जब्त की गई।
जयपुर
जयपुर में 3 से अधिक स्थानों पर इस प्रकार की कार्यवाही की गई। इस क्रम में जयपुर कमिश्नरेट की स्पेशल ब्रांच एवं वैशाली थाने ने संयुक्त कार्यवाही कर वैशाली नगर में अवैध ढंग से शराब बेच रहे सचिन, जयंती और गौरव (सभी अलीगढ़ से) को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास 27 पेटी बीयर का स्टॉक था, जिसे आरोपी दुगने- चौगुने भाव पर बेच रहे थे।
जयपुर की ही सांगानेर सदर थाना पुलिस ने तीन आरोपियों- शंकर लाल, भगवान सिंह और मिथुन को गिरफ्तार कर उनके पास से 110 लीटर हथकड़ शराब जब्त की।
इसी तरह दूदू-जयपुर में दो व्यक्तियों को अवैध शराब का व्यापार करते हुए गिरफ्तार किया गया। जिसमें रूपनारायण पुत्र उगमाराम, उम्र-22 वर्ष को 4 पेटी अवैध शराब और स्विफ्ट कार के साथ हिरासत में लिया गया, वहीं 28 वर्षीय श्रवण पुत्र भैरूराम को 2 पेटी शराब के साथ पकड़ा गया।
डूंगरपुर
इस दिन राज्य में सबसे बड़ी कार्यवाही डूंगरपुर जिले में की गई। यहाँ बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान गुजरात की ओर जा रहे एक बॉडी बंद कंटेनर को पकड़ा। कंटेनर पर “जीवन रक्षक दवाओं” का बोर्ड लगा हुआ था। पुलिस ने चालक से बिल्टी माँगी, उसमें भी ‘जीवन रक्षक दवाईयों’ का ही जिक्र था। लेकिन तलाशी के दौरान पुलिस को उससे हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब की 675 पेटियां मिलीं, जब्त शराब की कीमत 50 लाख से अधिक है।
अलवर
अलवर जिले के खैरथल कस्बे में देशी शराब का बड़ा कारोबार सामने आया है। यहाँ आबकारी पुलिस ने कार्यवाही कर बसई कलां और बीरथल गाँव के जंगलों में संचालित हथकढ़ शराब की 10 चालू भट्टियों को नष्ट किया। उक्त टीम ने वहां भट्टियों के साथ-साथ शराब निर्माण में प्रयुक्त होने वाली 10 हजार लीटर वॉश एवं 20 लीटर तैयार शराब जब्त की। कार्यवाही के दौरान शराब माफिया खेतों के माध्यम से भाग जाने में सफल रहे।
दौसा
यह मामला दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा उपखंड का है। यहाँ अवैध शराब-निर्माण के सम्बन्ध में जोरवाल ढाणी सरिया और रतनगढ़ ग्राम के निवासियों ने प्रशासन को अनेक बार सूचित किया था। इस पर आबाकारी विभाग ने उक्त स्थानों पर कार्यवाही की। आबकारी विभाग ने इन दोनों स्थानों से लगभग 5500 हजार लीटर देशी वॉश और बड़ी मात्रा में तैयार हथकढ़ शराब को जब्त कर नष्ट किया।
इन घटनाओं के अध्ययन से यह बात सामने आती है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर शराब तस्करी का खेल चल रहा है। पिछले कुछ दशकों में हमारे समाज में नशीले पदार्थों का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। बड़ी-बड़ी पार्टियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के द्वारा शराब का सेवन किए जाने से आज युवाओं में शराब का सेवन आम होता जा रहा है। राजस्थान में तो हालात और भी चिंताजनक हैं। आज देश में नशे के कारण सर्वाधिक मौतें राजस्थान में होती हैं। उल्लेखनीय है कि समाज की समृद्धि और देश की उन्नति के लिए कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने सदैव शराब का बहिष्कार किया है। स्वयं महात्मा गांधी ने इसके विरुद्ध बड़े स्तर पर संघर्ष किया था। लेकिन सरकारी नीतियों की असफलता के परिणामस्वरूप नशे को लेकर राजस्थान की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। अतः इसके नियन्त्रण हेतु सरकार के द्वारा सख्त कदम उठाए जाने अति आवश्यक हैं।