सुबह-शाम रामजी की स्तुति के साथ हो रहा निधि समर्पण

सुबह-शाम श्रीराम स्तुति के साथ हो रहा निधि समर्पण

सुबह-शाम श्रीराम स्तुति के साथ हो रहा निधि समर्पण

  • गीतांजलि विश्वविद्यालय ने रामजी के चरणों में समर्पित किए 50 लाख
  • महाभियान में 5 दिन शेष, गति बढ़ी

उदयपुर, 11 फरवरी। अयोध्या में बन रहे रामजी के भव्य मंदिर के लिए चल रहे निधि समर्पण महाभियान के पांच दिन शेष रहते कार्यकर्ता नई ऊर्जा के साथ घर-घर सम्पर्क के अभियान में जुटे हुए हैं। कोई घर, कोई परिवार छूट न जाए, इस संकल्प के साथ कार्यकर्ताओं की टोलियां सुबह-दोपहर-शाम को समय समर्पण कर रही हैं। चाहे समर्पण कण मात्र ही हो, हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा रामजी के चरणों में पहुंचाने की भावना रखता है, यही कारण है कि कार्यकर्ता इसी संकल्प के साथ अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र निधि समर्पण समिति की ओर से इन दिनों जगह-जगह श्रीराम के चित्र से सुसज्जित रथयात्रा निकल रही है और रामजी का रथ जहां-जहां जा रहा है, क्षेत्रवासी उसे रोक कर रामजी के चित्र के समक्ष नमन करते हुए राम मंदिर के लिए निधि समर्पण कर रहे हैं। सांध्य वेला में जहां कहीं भी रथ पहुंच रहा है वहां क्षेत्रवासी ‘श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारूणं’ स्तुति गाते हुए आरती कर रहे हैं।

इस बीच, गांव-ढाणियों से लेकर नगर-शहर तक निधि समर्पण का दौर जारी है। बुधवार को गीतांजलि विश्वविद्यालय की ओर से शहर के उद्योगपति जेपी अग्रवाल ने 50 लाख रुपये भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए अर्पित किए। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन, विभाग संघचालक हेमेन्द्र श्रीमाली, महानगर संघचालक गोविन्द अग्रवाल, उद्योगपति अरविन्द सिंघल भी मौजूद थे। इस मौके पर उद्योगपति जेपी अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्रीराम किसी दल, पंथ और समाज विशेष के नहीं बल्कि इस समग्र भारतवर्ष की सांस्कृतिक एकता के प्रतीक हैं। भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर देश की सांस्कृतिक एकता के सूत्र को और मजबूत करेगा।

उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी से शुरू हुआ निधि समर्पण महाभियान 15 फरवरी तक चलेगा। इससे पूर्व, इस अभियान का पहला चरण मकर संक्रांति से शुरू होकर 30 जनवरी तक चला था जिसमें कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर जागरण पत्रक बांटे थे। दूसरे चरण के महाभियान में कार्यकर्ता घर-घर 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये के कूपन लेकर पहुंच रहे हैं। जिस परिवार की जैसी श्रद्धा है, वे वैसा समर्पण सहयोग कर रहे हैं। दो हजार से अधिक की राशि पर 80-जी की छूट है।

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