रामनवमी पर शहर में लगे भगवा ध्वज उतारने पर हिन्दू समाज में रोष
रामनवमी पर शहर में लगे भगवा ध्वज उतारने पर हिन्दू समाज में रोष
जयपुर। पूरे देश में रामनवमी धूमधाम से मनायी जाती है। लोग अपने घरों, प्रतिष्ठानों और बाजारों को भगवा पताकाओं से सजाते हैं। लेकिन इस बार रामनवमी पर चुनावों के चलते इन भगवा ध्वजों को भी सांप्रदायिक रंग दे दिया गया। जयपुर परकोटे में लगी ये पताकाएं कांग्रेस की शिकायत पर हिन्दू आस्था से खिलवाड़ करते हुए रातोंरात उतरवा दी गईं।
क्या है मामला?
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिन्दू समाज रामनवमी धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहा था। भगवा पताकाओं से परकोटे के बाजारों को सजाया जा रहा था। रोड लाइट के खम्भों पर भी पताकाएं लगी थीं। इसे कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास के चुनाव एजेंट मंगल सिंह सैनी ने लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया और जिला कांग्रेस कमेटी ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए विश्व हिन्दू परिषद के विरुद्ध चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद ये ध्वज उतार दिए गए। अब इस पर विवाद गहरा गया है।
हिन्दू समाज का आक्रोश
भगवा ध्वज उतारने पर हिन्दू समाज आक्रोशित हो गया। अखिल भारतीय संत समिति की ओर से कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया। दूसरी तरफ, विश्व हिन्दू परिषद ने इस शिकायत को झूठा करार दिया है। विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र मंत्री सुरेश उपाध्याय ने राजनीतिक दल की शिकायत तथा भगवा ध्वज उतारने का विरोध करते हुए यह स्पष्ट किया कि विश्व हिन्दू परिषद ने ये भगवा ध्वज नहीं लगाए हैं, यह शिकायत झूठी है। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज हजारों वर्षों से नवरात्र का उत्सव धूमधाम से मनाता आ रहा है। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्रतिष्ठा के बाद पूरा देश राममय हुआ है। हिन्दू अपने प्रतिष्ठानों, बाजारों और घरों में भगवा ध्वज लगाकर सदैव की भांति अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं। इस बार की रामनवमी में विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है। उपाध्याय ने कहा, बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारे देश में कुछ राजनीतिक लोग सनातन संस्कृति, हिन्दू धर्म और भगवा ध्वज से चिढ़ते हैं। उन्होंने फिर कहा कि विहिप क्षेत्र मंत्री के नाते मैं यह बताना चाहता हूं कि विश्व हिन्दू परिषद ने ये भगवा ध्वज नहीं लगाए हैं। आज देशभर में जितने भगवा ध्वज दिखाई दे रहे हैं, ये सभी हिन्दू समाज ने अपनी आस्था के प्रतीक स्वरूप लगाए हैं। इनका दलगत राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दू विरोधी मानसिकता के लोगों को यह समझना चाहिए कि राजनीति अपनी जगह है। हिन्दू समाज को ठेस न पहुंचाएं ऐसा हम निवेदन करते हैं। विश्व हिन्दू परिषद ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि भगवा ध्वज उतारने की कार्रवाई को तुरंत रोका जाए अन्यथा हिन्दू जनमानस की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
मामले में जन प्रतिनिधि भी खुलकर सामने आ गए। मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा, दुर्भाग्य है कि श्रीरामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा के लिए लगाए भगवा ध्वज का कांग्रेस विरोध कर रही है। वैदिक सनातन धर्म और अयोध्या में निर्मित श्रीराम मंदिर का विरोध करने वाली कांग्रेस तुष्टीकरण में इतनी नीचे गिर गई है।
परकोटे से विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि हर वर्ष रामनवमी पर जुलूस निकाला जाता है। इसको देखते हुए शहर में भगवा ध्वज लगाए गए थे। रामनवमी पर्व और चुनाव दोनों एक साथ आना संयोग मात्र है। उन्होंने कहा कि रामनवमी से चुनावों का कोई सम्बंध ही नहीं है। ऐसे तो कांग्रेस रामजी के मंदिरों पर ताला लगाने का भी फरमान निकाल देगी।
वहीं समाजसेवी विजेंद्र अरोड़ा कहते हैं कि चुनावी वातावरण है, कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण का कोई अवसर अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती। वह अपने मुस्लिम प्रेम को छिपाने का प्रयास भी नहीं करती। ऐसे में हिन्दू समाज का पूरा दायित्व है कि वह सोच समझकर वोटिंग करे।
मामले में जर्नलिज्म की पढ़ाई कर रही रश्मि शर्मा कहती हैं कि आजकल की राजनीति बहुत अलग तरह की हो गई है। अब चुनाव राजनीतिक दल नहीं वरन उनके पीछे की शक्तियां लड़ती हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यात्रा के समर्थन में जिन स्वयंसेवी संगठनों के नाम सामने आए थे, वे चौंकाने वाले थे। चुनावों का अवसर है, हमें अपने वोट की कीमत समझनी होगी, कहीं यह देश को तोड़ने वाली शक्तियों के पक्ष में न चला जाए।
प्रशासन का पक्ष
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से शहर में लगे किसी भी भगवा ध्वज को नहीं हटाया गया है। इस तरह की कोई कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता मंगल सिंह सैनी की एक शिकायत प्राप्त हुई थी। यह शिकायत स्थानीय निकाय को भेज दी गई थी। ध्वज हटाने की कोई कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से नहीं की गई।
हिन्दू सजग रहेगा तो धर्म बचेगा।