मंदिर-मंदिर लगने लगे जागरण पोस्टर, जन-जन से निधि समर्पण का आग्रह
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान
- उद्यमी-व्यवसायियों ने समर्पित किए 41.5 लाख
- सोमवार को उदयपुर में 48 लाख रुपये का निधि समर्पण
उदयपुर, 19 जनवरी। अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीरामलला के भव्य मंदिर के लिए देशभर में जन-जन की भावनाओं के समर्पण के मद्देनजर चल रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान गांव-गांव, ढाणी-ढाणी, मोहल्ले-मोहल्ले पहुंच रहा है। 15 जनवरी से शुरू हुए अभियान के पहले चरण के अंतर्गत जागरण पखवाड़ा जारी है। कार्यकर्ता विभिन्न मोहल्लों में घर-घर पहुंचकर जन-जन से राम मंदिर के लिए भावनाओं के समर्पण का आग्रह कर रहे हैं। गांवों-शहरों में मंदिरों के बाहर, प्रमुख चौपालों पर भी निधि समर्पण के आग्रह वाले बैनर लगाए गए हैं। इसी दौरान, कई परिवार अपनी श्रद्धानुसार चेक प्रदान कर मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धा का समर्पण कर रहे हैं।
अभियान के अंतर्गत सोमवार को उदयपुर में लघु उद्योग भारती के बैनर तले विभिन्न उद्योगपतियों, व्यवसायियों की गोष्ठी हुई। गोष्ठी में लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री प्रकाश चंद्र व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत प्रचारक विजयानंद ने उपस्थित समाजसेवियों को भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण की योजना की विस्तार से जानकारी दी। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए हुए संघर्षों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि में भव्य मंदिर बनने के साथ जन-जन के मन में श्रीराम व उनके जीवन मूल्यों को भी स्थापित करना है। राम को वनवास मिला। उस दौरान वे नंगे पैर वन-वन घूमे। समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। उन्होंने वंचित, उपेक्षित समझे जाने वाले लोगों को आत्मीयता से गले लगाया, अपनत्व की अनुभूति कराई, सभी से मित्रता की। जटायु को भी पिता की भांति सम्मान दिया। नारी की उच्च गरिमा को पुनर्स्थापित किया। असुरों का संहार किया। उन्होंने आह्वान किया कि भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों को यदि हम अपनाएंगे तो स्वतः ही रामराज्य की स्थापना हो जाएगी। रामराज्य में परस्पर प्रेम, सद्भाव, मैत्री, करुणा, दया, ममता, समता, बंधुत्व, आरोग्य, त्रिविध ताप विहीन, सर्वसमृद्धि पूर्ण जीवन सर्वत्र था। सभी को अपने दृढ़ संकल्प एवं सामूहिक पुरुषार्थ से ऐसा ही भारत बनाना है। गोष्ठी में उपस्थित समाजसेवियों ने 41.5 लाख रुपये मंदिर निर्माण के लिए समर्पित किए। उदयपुर में सोमवार को 48 लाख रुपये की राशि मंदिर निर्माण के लिए समर्पित हुई।