रॉकेट्री- द नंबी इफैक्ट : एक वैज्ञानिक के संघर्ष की कहानी
डॉ. दर्शना जैन
रॉकेट्री- द नंबी इफैक्ट : एक वैज्ञानिक के संघर्ष की कहानी
यह एक फिल्म नहीं, वास्तविक जीवन से परिचय है। यह कहानी है एक भारतीय प्रतिभावान वैज्ञानिक नंबी नारायणन की। एक सामान्य परिवार की, जो सुबह उठकर पूजा-पाठ के साथ अपनी दिनचर्या को आरंभ करता है। वैज्ञानिक, जिसने विदेश में नासा जैसी अंतरिक्ष एजेंसी की नौकरी छोड़कर भारत आकर अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। एक प्रतिभाशाली टीम बनाई, उसका नेतृत्व किया। एक ऐसा महान वैज्ञानिक, जिसने रॉकेट साइंस की दुनिया में भारत का कद ऊंचा करने के लिए अपना जीवन लगा दिया। अनेक बाधाओं व प्रताड़नाओं के बावजूद उस रॉकेट इंजन का आविष्कार किया, जिसके चलते भारत अपने सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहा।
ले किन जैसा कि अक्सर देखने में आता है, जब कोई प्रतिभावान व्यक्ति ईमानदारी के साथ काम करता है तो कई बार उस कार्य की सराहना करने वालों से पहले ईर्ष्या करने वाले पहुंच जाते हैं, काम बिगाड़ने हेतु, वही इनके साथ भी हुआ। उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया। उनके परिवार को प्रताड़ना के समय में भी सुरक्षा का अभाव रहा।
अब भारतवासियों को सीधा कहें या उस देश के लोगों को चालाक, किस प्रकार से वह हम भारतीयों को छल लेते हैं। हमारा देश चंद लोगों के बिकने के कारण गुलाम रहा। नंबी नारायण के ऊपर ऐसे ऐसे आरोप लगाए गए, जो उन्होंने कभी किए ही नहीं। उन्हें यह भी पता नहीं था कि किस बात के लिए उनको और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है। पर कहते हैं न, अंत भला तो सब भला। अच्छी सोच से किया गया काम अच्छा ही फल देता है।
नंबी नारायणन ने फिर टीम के साथ अधूरे कार्य को पूर्ण किया और फिर अपनी खोई पहचान बनाई। लेकिन उस काम में जो अंतराल रहा उसका परिणाम भी देश के सामने है। बाहरी शक्तियां जो चाहती थीं, वहीं हुआ। हमें अपने ही लोगों पर कई बार संदेह इसीलिए होता है। यह समस्या केवल वैज्ञानिक क्षेत्र की ही नहीं, हर क्षेत्र में कार्य करने वालों की रही है। जो ईमानदारी से कार्य कर विकास विस्तार करना चाहते हैं पर अपने ही साथ कार्य करने वाले किसी व्यक्ति के चंद लालच में आकर बिक जाने से सब कुछ खो देते हैं। ऐसे ही महान एवं हार न मानने वाले वैज्ञानिक पर फिल्म बनी है, रॉकेट्री- द नंबी इफैक्ट।
आर माधवन की यह फिल्म हर भारतीय को, हर क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों, बच्चों, बड़ों सबको अवश्य देखनी चाहिए। यह एक मर्म स्पर्शी वास्तविक जीवन की कहानी है।
Good ….actually best effort to b known to our self….India the proud
यह फिल्म हर भारतीय को कर्तव्यनिष्ठता के साथ अपना लक्ष्य पूर्ण करने का साहस देगी।