सामाजिक समरसता के वाहक लोक देवता बाबा रामदेव- 1
भारत की समाज व्यवस्था जिओ और जीने दो पर आधारित है, यही भारत का मूल चिंतन है। हजारों वर्षों से चले आ रहे समाज जीवन में हमारी अपनी असावधानी के कारण जातिगत भेदभाव, ऊंच नीच जैसी बुराइयां आ जाने से हिन्दू समाज कमजोर हुआ। इन बुराइयों के निराकरण के लिए समय समय पर अनेक प्रयास भी हुए हैं।
बाबा रामदेव ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा, समाज जागरण और समाज में फैली बुराइयों को दूर करने में लगा दिया। आज से अगले 22 दिनों (9-30 जून) तक प्रतिदिन हम लोक देवता बाबा रामदेव की जीवन यात्रा एक एक कर 22 कड़ियों में चित्रकथा के रूप में यहॉं पढ़ पाएंगे।
चित्रकथा का लेखन व चित्रांकन ब्रजराज राजावत ने किया है।
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