वंचित समाज के चार संन्यासियों को महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक कराया गया, विहिप ने जतायी प्रसन्नता

वंचित समाज के चार संन्यासियों को महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक कराया गया, विहिप ने जतायी प्रसन्नता

वंचित समाज के चार संन्यासियों को महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक कराया गया, विहिप ने जतायी प्रसन्नता वंचित समाज के चार संन्यासियों को महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक कराया गया, विहिप ने जतायी प्रसन्नता

नई दिल्ली। गुजरात में आज वंचित समाज के चार संन्यासियों का महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक हुआ। विश्व हिन्दू परिषद ने जूना अखाड़े की इस अनूठी पहल का अभिनंदन किया है।

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जूना अखाड़ा देश के बड़े अखाड़ों में से है। इसके पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज हैं। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर तपस्वी हैं, गहरा अध्ययन करते हैं और समाज में अपने पुरुषार्थ से सद्गुण, समरसता और संगठन के लिए समर्पित हैं।

आज 30 अप्रैल को जूना अखाड़ा द्वारा चार पूज्य संतों को महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक कराया गया। ये सभी अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से आते हैं। अभी तक जूना अखाड़ा द्वारा अनेक अनुसूचित जाति के संत, जनजाति समाज और यहाँ तक कि किन्नर समाज से भी महामंडलेश्वर बनाए गए हैं। जिनको समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता था, उनका अब सम्मान और आदर होता है।

महामंडलेश्वर का पद प्राप्त करने के लिए जूना अखाड़े में पांच वर्षों तक सनातन धर्म के ग्रंथों का गहन अध्ययन, साधुत्व जीवन और परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद ही महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त हो पाती है।

आलोक कुमार ने कहा कि जूना अखाड़े की पुरानी चली आ रही लकीर को तोड़ना आसान नहीं रहा होगा। उन्होंने यह दृढ़ता से स्थापित किया है कि महामंडलेश्वर पद के लिए जाति कोई बाधा नहीं है। केवल तप और अध्ययन ही एकमात्र मापदंड है और समाज के सब वर्गों के लोग इसमें सम्मिलित हो सकते हैं। अखाड़े ने यह साबित किया है कि पद जाति से नहीं, योग्यता के आधार पर मिलना चाहिए और इसी का परिणाम है कि जूना अखाड़ा समाज में समरसता और श्रेष्ठ संस्कारों के लिए बड़ा और उपयोगी कार्य कर रहा है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

1 thought on “वंचित समाज के चार संन्यासियों को महामंडलेश्वर पद का पट्टाभिषेक कराया गया, विहिप ने जतायी प्रसन्नता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *