वक्फ संशोधन विधेयक : राष्ट्र सेविका समिति ने मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी को बताया ऐतिहासिक पहल

वक्फ संशोधन विधेयक : राष्ट्र सेविका समिति ने मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी को बताया ऐतिहासिक पहल
नागपुर, 5 अप्रैल 2025। भारतीय संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन विधेयक का राष्ट्र सेविका समिति, केंद्र वर्धा ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से हार्दिक स्वागत किया है। समिति ने इस विधेयक को मुस्लिम महिलाओं और विधवाओं की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक पहल बताया है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस विधेयक के अंतर्गत वक्फ संपत्तियों को परिवार की महिलाओं और विधवाओं की अनुमति व सहभागिता के बिना दान नहीं किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य महिला सम्मान और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
यह प्रावधान महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों की सुरक्षा करेगा, जो अक्सर पारिवारिक दबाव या जानकारी के अभाव में वंचित रह जाती हैं।
समिति की प्रमुख कार्यवाहिका सीता गायत्री के अनुसार, अब राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कम से कम दो महिला सदस्यों की भागीदारी अनिवार्य होगी, इससे वक्फ से संबंधित निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की प्रतिनिधित्व और भागीदारी सुनिश्चित होगी। यह परिवर्तन उन महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है, जो लंबे समय से उपेक्षा और असमानता का सामना कर रही थीं।
समिति ने इस बात के लिए भी प्रसन्नता व्यक्त की है कि संशोधित विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाएगा और सरकारी निगरानी को सुनिश्चित करेगा। पत्र में यह अपेक्षा जताई गई है कि यह विधेयक ‘उम्मीद’ (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) की भावना को मजबूत करेगा।
यह पत्र राष्ट्र सेविका समिति के नागपुर स्थित कार्यालय से जारी किया गया, जिसमें विधेयक की विभिन्न धाराओं को महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक बताया गया।
यह समाचार मुस्लिम समाज के भीतर महिलाओं की भूमिका को लेकर एक नई शुरुआत का संकेत देता है और विधेयक को महिला अधिकारों के संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।