महंगी बिजली व कोयला संकट पर विद्युत श्रमिक महासंघ अनिश्चितकालीन धरने पर
जयपुर। राजस्थान में महंगी बिजली और कोयला संकट को लेकर अब विद्युतकर्मी राज्य सरकार के विरोध में आ गए हैं। भारतीय मजदूर संघ से सम्बन्धित राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ ने अपनी 28 सूत्रीय मांगों को लेकर विद्युत भवन पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। महासंघ ने प्रदेश सरकार पर स्थानांतरण में राजनीतिक द्वेषता का आरोप लगाया है। अपनी मांगों को लेकर कोई भी वार्तालाप एवं निर्णय नहीं होने से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार एवं प्रशासन द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया जा रहा है, जिसके कारण विद्युत कंपनियों का घाटा बढ़ रहा है एवं जनता पर महंगी बिजली का बोझ बढ़ रहा है। गलत प्रबंधन व खराब कोयले की खरीद के कारण बिजली संकट गहराया हुआ है। महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर प्रदर्शन करके, ज्ञापन देकर सरकार एवं प्रशासन को अवगत कराया है, लेकिन कोई भी सकारात्मक हल नहीं निकाला गया। मीडिया प्रभारी यतीन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार व विद्युत प्रशासन बिल्कुल असंवेदनशील हैं, जिसका खामियाजा आम जनता एवं कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए संगठन ने तय किया है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक विद्युत भवन पर क्रमिक धरना जारी रहेगा।
राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ की मांगों में विद्युत निगमों में निजीकरण पर रोक लगाकर नई भर्ती की जाये, पांचों विद्युत कंपनियों का आपस में विलय करके एक विद्युत मंडल बनाया जाए, आईटीआई स्किल्ड तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन हो एवं टाइम बाउंड योजना 3,12,21,30 का वित्तीय लाभ नियुक्ति तिथि से दिया जाए या विकल्प पत्र वापस खोलें जाएं, कर्मचारियों को इंटरकंपनी स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाये आदि प्रमुख हैं।