चंद्रयान मिशन में प्रक्षेपण के दौरान उल्टी गिनती बोलने वाली वैज्ञानिक वलारमथी का निधन
चंद्रयान मिशन में प्रक्षेपण के दौरान उल्टी गिनती बोलने वाली वैज्ञानिक वलारमथी का निधन
भारत 140 करोड़ जनसंख्या वाला देश है, फिर भी कुछ विशिष्ट आवाजें लोगों के मस्तिष्क में अनंतकाल तक अंकित रहती हैं। इस सूची में प्रसिद्ध नाम, कलाकार, राजनेता, खेल हस्तियां और वैज्ञानिक भी सम्मिलित हैं। इसरो की रॉकेट लॉन्च प्रतिष्ठित घटनाएं हैं, जो पूरे देश को एक साथ लाती हैं और लाखों लोग मिशन की लाइव स्ट्रीम देखने के लिए अपने टीवी या उपकरणों पर नजर रखते हैं। तब कुछ आवाजें हमारे मस्तिष्क में अंकित रहती हैं।
ऐसी ही एक आवाज़, इसरो वैज्ञानिक वलारमथी की है, जो रविवार को फीकी पड़ गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वैज्ञानिक वलारमथी का कार्डियक अरेस्ट होने के कारण निधन हो गया। जानकारी के अनुसार वलारमथी ने रविवार को अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम उल्टी गिनती देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के दौरान थी। उन्होंने श्रीहरिकोटा में रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती में अपनी आवाज दी थी।
वलारमथी सतीश धवन स्पेस सेंटर में रेंज ऑपरेशंस प्रोग्राम कार्यालय के भाग के रूप में, पिछले छह वर्षों से सभी लॉन्चों के लिए उल्टी गिनती की घोषणाएं कर रही थीं। वह पिछले कुछ समय से बीमार थीं। उन्होंने 50 वर्ष की आयु में चेन्नई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
वलारमथी को 2 सितंबर को लॉन्च किए गए आदित्य एल 1 अंतरिक्ष यान के सी 57 रॉकेट के काउंट डाउन में भी अपनी आवाज देनी थी, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण यह संभव नहीं हो पाया और इनकी जगह किसी अन्य आवाज ने लॉन्चिंग का काउंट डाउन किया।
वलारमथी की आवाज़ अनंतकाल तक जीवित रहेगी, इसके लिए कोई उल्टी गिनती घड़ी नहीं बनी है और ना ही बन सकती है।