शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने की निदेशक माध्यमिक शिक्षा से वार्ता

शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने की निदेशक माध्यमिक शिक्षा से वार्ता

शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने की निदेशक माध्यमिक शिक्षा से वार्ताशिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने की निदेशक माध्यमिक शिक्षा से वार्ता

  • अधिकांश मांगों पर सहमति से शिक्षकों के कई वर्षों से लंबित प्रकरणों के निस्तारण की जगी आस
  • समान प्रकृति के न्यायालय निर्णय पर सभी को लाभ देने के लिए बनी सैद्धांतिक सहमति

जयपुर 03 जुलाई। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा के नेतृत्व में कल शिक्षा निदेशालय राजस्थान बीकानेर के स्तर की समस्याओं का निस्तारण करवाने हेतु 28 बिंदुओं के मांगपत्र को लेकर निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान से मिलकर वार्ता की।

प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया, निदेशालय स्तर पर शिक्षकों की विभिन्न समस्याएँ काफी समय से लम्बित हैं, जिनका तत्काल निराकरण करवाने का आग्रह निदेशक महोदय से किया। निदेशक महोदय ने अधिकांश मांगों को यथोचित मानते हुए शीघ्र निस्तारण पर सहमति जताई। इनमें प्रमुखता से 15 अगस्त तक समस्त संवर्गों की पदोन्नतियां करने, समान प्रकृति के न्यायालय निर्णय पर सभी को लाभ देने तथा अधिशेष शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया प्रारंभ कर जल्दी आदेश जारी करने पर सहमति बनी। प्रतिनिधि मंडल ने निदेशक महोदय के समक्ष अनेक मांगें रखीं, जिनमें 31 दिसम्बर के पश्चात नियुक्त शिक्षकों को माननीय न्यायालय के निर्णय अनुसार ग्रीष्मावकाश अवधि का बकाया वेतन भुगतान करने और इसी प्रकार के एक समान प्रकरण की स्थिति में सामान्य आदेश जारी करवाये जाने (ताकि समस्त राज्य में एकरूपता रह सके), एसीपी/ एमएसीपी के लिए एपीआर की अनुपलब्धता की स्थिति में केवल संस्था प्रधान द्वारा सेवा संतोषजनक का प्रमाण पत्र लेकर ही स्वीकृत किए जाने, विभागीय जाँच, अवकाश एवं ए.सी.पी. एमऐसीपी के बकाया प्रकरणों के निस्तारण हेतु विशेष शिविर निदेशालय, संभाग व जिला स्तर पर आयोजित करवाकर समयबद्ध निस्तारण करवाए जाने एवं निस्तारण की समय सीमा तय करने जैसी मांगें शामिल थीं।

प्रदेश सभाध्यक्ष संपत सिंह ने पदोन्नति पर प्राप्त वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (एपीआर) को प्रतिवर्ष देने के बाद भी बार-बार मांगने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गत सरकार द्वारा खोले गए नव क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों (लगभग 6000) में पद स्वीकृत नहीं किये गए, अतः वहां पद स्वीकृति के साथ ही अधिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया के अन्तर्गत कार्यरत स्टाफ का विभागीय नियमानुसार कार्यरत विद्यालय में समायोजन के आदेश जारी किए जायें, साथ ही शेष अध्यापकों की काउंसलिंग के आधार पर पदस्थापन की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो। शिक्षकों के सभी वर्गों (जॉइंट डायरेक्टर (संयुक्त निदेशक) से प्रारंभ करते हुए तृतीय श्रेणी तक) की सितम्बर माह तक पदोन्नति करके 30 सितम्बर तक सभी को पदस्थापन कर पद ग्रहण कराया जाए। उन्होंने मध्य सत्र में पदोन्नति नहीं की करने की भी मांग रखी।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत राजस्थान के विद्यालयों में प्राथमिक विद्यालय में प्री प्राइमरी कक्षा प्रारंभ होनी है। अतः वर्तमान में इनकी प्राइमरी कक्षाओं के लिए राजस्थान राज्य में किसी भी प्रकार का कोर्स संचालित नहीं है। इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए राजस्थान राज्य में भी एनटीटी जैसे कोर्स प्रारंभ करने की आवश्यकता है, संपूर्ण राजस्थान में संसाधनों की दृष्टि से डाईट के माध्यम से कक्षाओं का संचालन प्रारंभ किया जा सकता है तथा पूर्व की भांति पंजीयक कार्यालय शिक्षा विभागीय परीक्षाओं के माध्यम से इस प्रकार के कोर्स का संचालन हो सकता है। राजस्थान राज्य के विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे। भविष्य में भी संगठन द्वारा दिए जाने वाले ज्ञापन और विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से संगठन को अवगत करवाया जाये ताकि उसी विषय को लेकर समय एवं श्रम से बचा जा सके तथा शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले आदेश निर्देश की प्रतिलिपि राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय को दी जाएं।

अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री योगेश कुमार शर्मा ने कहा कि ब्लॉक, जिला, सम्भाग एवं निदेशालय स्तर पर निश्चित समय अवधि, तय करके अधिकारी स्तर पर संगठन की वाएंर्ता आयोजित की जाएं, पंचायतों के पुर्नगठन के पश्चात् पी.ई.ई.ओ. परिक्षेत्रों का पुनर्निधारण कर उनकी शाला दर्पण पर तत्काल मैपिंग की जाये। ब्लॉक, जिला, सम्भाग एवं निदेशालय स्तर पर तृतीय, द्वितीय व व्याख्याता संवर्ग के नोशनल लाभ के बकाया प्रकरणों का निस्तारण करवाया जाये, ताकि समस्त राज्य में एकरूपता रह सके। वरीयता एवं आरक्षित सूची से चयनित शिक्षकों की री-शफलिंग प्रकिया से नवनियुक्तियों के पदस्थापन की न्यायसंगत प्रक्रिया प्रारंभ हो।

प्रदेश महिला मंत्री डॉ. अरुणा शर्मा ने बताया कि समस्त संवर्ग की रिव्यू डीपीसी के संशोधित प्रस्ताव एवं समस्त संवर्ग की बकाया वर्षों की डीपीसी प्रस्ताव तैयार करवाकर आरपीएससी से अनुमोदन करवाया जाकर पदोन्नति देकर पद स्थापन हो ताकि विद्यालयों में नये सत्र में शिक्षकों की पूर्ति हो सके। संस्कृत शिक्षा में भी पदों की पुनर्समीक्षा हो। सामान्य शिक्षा में तृतीय भाषा के सृजित पदों की भी पुनः समीक्षा हो। स्टाफिंग पैटर्न के मानदण्डों में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के मानदण्डानुसार पदों का निर्धारण किया जाये तथा स्टाफिंग पैटर्न के मानदण्डों में विद्यालय के नामांकन एवं विषय को आधार माना जाए। माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न लागू किया जाए, नव गठित जिलों में विकल्प के आधार पर जिला परिवर्तित होने पर वरिष्ठता विलोपित नहीं की जाए, विभाग में पदस्थापन हेतु प्रचलित काउन्सलिंग पद्धति को युक्ति-युक्त बनाकर समस्त वर्गों के शिक्षकों के लिये हितकारी, पारदर्शी एवं सुविधाजनक बनाया जाए। पदस्थापन हेतु सूचियों में वरीयता निर्धारण में समान दृष्टिकोण अपनाते हुए वरीयता निर्धारण की जाए एवं समस्त रिक्त स्थान 48 घण्टे पूर्व प्रदर्शित किए जायें, नियमानुसार यात्रा भत्ता व योगकाल दिया जाये तथा प्रत्येक शिक्षक के सेवाकाल में न्यूनतम 3 पदोन्नतियों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शारीरिक शिक्षकों हेतु समस्त उच्च प्राथमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापन, पदोन्नति हेतु छात्र संख्या की अनिवार्यता समाप्त हो तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में सभी विषय अध्यापकों की तरह एक पद द्वितीय श्रेणी का रखा जाए। टीएसपी से नॉन टीएसपी में माननीय न्यायालय के निर्णय से स्थानांतरित कर दिया गया है, परंतु 200 शिक्षकों को अभी भी कार्य मुक्त नहीं किया गया है, इन्हें कार्य मुक्त कराया जाए। इनके साथ ही वरिष्ठ अध्यापक एवं शारीरिक शिक्षा को भी कार्य मुक्त कराया जाए। अवकाश के दिनों में परीक्षा और अन्य कार्य में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को क्षतिपूर्ति अवकाश प्रदान किया जाए। आरकेएसएमबीके द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया को तत्काल बंद किया जाए तथा विभाग के विभिन्न आरईआई पार्टनर्स द्वारा कार्यक्रम का थर्ड पार्टी असेस्मेंट कराया जा रहा है, इसे भी तत्काल बंद किया जाए। विभिन्न कार्यालयों द्वारा ऑफलाइन सूचनाएँ मँगवाने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगवाया जाये, ए.सी.पी. लाभ की गणना में नोशनल लाभ की अवधि को शामिल किया जाये, काउन्सिलिंग के समय कम से कम 72 घण्टे पूर्व समस्त रिक्त पदों को प्रदर्शित किया जाये, शाला दर्पण पोर्टल सर्वर की क्षमता में वृद्धि करवायी जाये। विद्यालयों में ऑनलाइन फीडिंग एवं शाला दर्पण कार्यों
की फीडिंग हेतु पद आवंटन के प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित करवाये जाए, परीक्षा परिणाम न्यून रहने की स्थिति में आगे-पीछे के परीक्षा परिणाम प्रत्येक को देखकर विभागीय जांच के प्रकरणों में शिथिलन प्रदान करते हुए प्रकरणों का निस्तारण किया जाये, उपचारात्मक शिक्षण हेतु लगाए गए बाह्य शिक्षकों के मानदेय का तत्काल भुगतान करवाने संबंधित मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई और वार्ता सफल रही।

प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश सभा अध्यक्ष संपत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा, प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य, अतिरिक्त महामंत्री योगेश कुमार शर्मा, प्रदेश महिला मंत्री डॉ. अरुणा शर्मा उपस्थित रहे।

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