सरकार करेगी शिक्षकों के सेवा नियमों में संशोधन

सरकार करेगी शिक्षकों के सेवा नियमों में संशोधन

सरकार करेगी शिक्षकों के सेवा नियमों में संशोधन सरकार करेगी शिक्षकों के सेवा नियमों में संशोधन 

  • राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रतिनिधि मंडल ने की शिक्षा मंत्री से भेंट
  • हुई विभिन्न शिक्षक समस्याओं पर वार्ता

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने राज्य सरकार के राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम 2021 में संशोधन करने के राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम 2021 के जारी होने पर शिक्षा विभाग में कार्यरत विभिन्न वर्गों के कार्मिकों में संशय की स्थिति बनी हुई थी।संगठन ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर सेवा नियमों में संशोधन की मांग करते हुए इन नियमों की समीक्षा करने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए उस समय कोई विचार नहीं किया। वर्तमान सरकार द्वारा अल्प समय में सेवा नियमों में संशोधन के लिए सहमति जताना शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रतिनिधि मंडल द्वारा शिक्षा मंत्री से भेंट के बाद उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति सरकार की सजगता सरकार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम ने कहा कि सेवा नियमों के कारण उत्पन्न हुई विसंगतियों से क्षुब्ध प्रदेश के कार्मिकों ने इन नियमों के विरुद्ध न्यायालय का रुख किया, परिणामस्वरूप प्रदेश में विभिन्न संवर्गों की पदोन्नतियों सहित अनेक महत्वपूर्ण कार्यों पर विराम लग गया।

प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि तत्कालीन सरकार की हठधर्मिता और बिना दूरदर्शिता के निर्णय का परिणाम ही है जो पिछले 3 वर्षों की सभी संवर्गों की डीपीसी बकाया चल रही है। सरकार के पास तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नई भर्ती से लगभग 11000 पदों पर पदस्थापन होना है।लेकिन डीपीसी नियमित नहीं होने से शिक्षा विभाग में रिक्तियों की वास्तविक स्थिति ही स्पष्ट नहीं हो पाई और सरकार का कार्यकाल पूर्ण हो गया। सरकार द्वारा नए सेवा नियमों की समीक्षा नहीं किए जाने के कारण माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में नवीन सृजित उप प्रधानाचार्य पदों पर ऑफलाइन पदोन्नति देने के बावजूद उनका पदस्थापन नहीं हो पाया। इसी प्रकार की स्थिति सभी संवर्गों पर हुई। वर्तमान सरकार ने संगठन के सुझाव पर शीघ्र मंथन कर सेवा नियमों में संशोधन का गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। सरकार के शिक्षा और शिक्षक हित में किए गए निर्णय का राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय स्वागत करता है। इन संशोधनों के साथ सरकार ने डीपीसी हेतु पात्रता में शिथिलन भी दिया है। इसका लाभ प्रदेश के हजारों शिक्षकों के साथ राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बालकों को भी विषयाध्यापक मिलने से होने वाला है। सरकार ने कई अन्य महत्वपूर्ण संशोधन भी किए हैं, जिनसे शिक्षा जगत में बड़े परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

पदोन्नतियाँ होने पर ही खुलेगी तबादलों की राह 
शिक्षा विभाग में उच्च संवर्ग से लेकर निम्न संवर्गों तक पदोन्नति होने पर ही प्रत्येक जिले में तृतीय वेतन श्रंखला के पद रिक्त हो पाएंगे, तब ही एक जिले से दूसरे जिले में तृतीय वेतन श्रंखला के अध्यापकों के स्थानांतरण हो पाएंगे। इस प्रकार संगठन धरातल पर काम करते हुए इन अध्यापकों को अपने गृह जिले में पहुंचाने का कार्य कर रहा है।

इस प्रकार की पहल के लिए संगठन के प्रदेश सभा अध्यक्ष अशोक शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संपत सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. अरुणा शर्मा, अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य, महिला मंत्री जयमाला पानेरी, अरुणा कुमारी सहित अनेक पदाधिकारियों ने प्रदेश के हजारों शिक्षकों की ओर से सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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