श्रीराम मंदिर से देश के स्वाभिमान की पुनः प्रतिष्ठा होगी – विजय शंकर तिवारी

श्रीराम मंदिर से देश के स्वाभिमान की पुनः प्रतिष्ठा होगी - विजय शंकर तिवारी

श्रीराम मंदिर से देश के स्वाभिमान की पुनः प्रतिष्ठा होगी - विजय शंकर तिवारी

अयोध्या में बनने वाले दिव्य श्रीराम मंदिर के लिये देश के सभी राम भक्तों का सहयोग लिया जा सके। इसी कल्पना के साथ विश्व हिन्दू परिषद् पूज्य संत समाज के साथ मिलकर कश्मीर से कन्याकुमारी, कटक से अटक ही नहीं, अपितु अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, अंडमान निकोबार, कच्छ के रेगिस्तान और लद्दाख जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में भी समाज एवं कार्यकर्ताओं से आर्थिक पारदर्शिता के साथ 10 रुपये, 100 रुपये, 1000 रुपये के कूपन के माध्यम से निधि समर्पण अभियान में सहयोग लेंगे एवं मंदिर से जुड़े 492 वर्षों के संघर्ष का साहित्य भी देंगे।

मेरठ में श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान के निमित्त आयोजित प्रेसवार्ता में विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय सह मंत्री एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् मकर संक्रांति 15 जनवरी से 27 फरवरी (माघ पूर्णिमा) तक देश के 5 लाख से अधिक गांवों के 12 करोड़ से अधिक परिवारों के 60 करोड़ रामभक्तों को इस अभियान में कार्यकर्ताओं के माध्यम से जोड़ेगा। देश की हर जाति, मत, पंथ, क्षेत्र सम्प्रदाय एवं भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा, जिससे देश के स्वाभिमान की पुनः प्रतिष्ठा होगी। सभी रामभक्तों से बढ़-चढ़कर सहयोग देने का आह्वान किया। मेरठ प्रान्त में 15 जनवरी से 31 जनवरी तक निधि समर्पण अभियान रहेगा, जिसके माध्यम से 10841 गांवों के 32 लाख 50 हजार परिवारों के डेढ़ करोड़ रामभक्तों तक पहुंचा जाएगा।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिये हिन्दू समाज ने 492 वर्षों तक संघर्ष किया, अंततः समाज की भावनाओं एवं सत्य की जांच परख कर सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया एवं भारत सरकार को इसके लिये एक न्यास बनाने का निर्देश दिया। भारत सरकार ने ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ के नाम से न्यास बनाकर सर्वप्रथम 1 रुपये का अनुदान दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 5 अगस्त को श्री अयोध्या धाम में पूजन कर निर्माण कार्य को गति प्रदान की। आज मंदिर निर्माण में देश की सर्वोच्च निर्माण कम्पनियों लार्सन एण्ड ट्यूब्रो, टाटा, आईआईटी रुड़की के इंजीनियर अपना सहयोग दे रहे हैं। सम्पूर्ण मंदिर पत्थरों का है, जिसकी लम्बाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट है। मंदिर में तीन तल होंगे। प्रत्येक तल 20 फीट ऊंचा होगा। वर्तमान में पूरा क्षेत्र लगभग 70 एकड़ का है। जिसमें अनेक परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिससे धाम में आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।

पत्रकार वार्ता में संघ के क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, अभियान प्रमुख राजकुमार डूंगर, सह अभियान प्रमुख विजय गोयल, अभियान मंत्री अजय चौहान उपस्थित रहे।

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