अंतःकरण रूपी दर्पण स्वच्छ होगा तभी श्री राम के दर्शन होंगे- सदानंद सरस्वती
अंतःकरण रूपी दर्पण स्वच्छ होगा तभी श्री राम के दर्शन होंगे- सदानंद सरस्वती
कर्णावती। शारदापीठ द्वारका के प. पू. शंकराचार्य पूज्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज ने दक्षिण गुजरात के डांग जिले के विभिन्न गांवों में 7 जून से 9 जून तक प्रवास किया। इस शुभ अवसर पर जनजाति परंपरा के अनुसार गांववासियों ने स्थान स्थान पर उनका भव्य स्वागत किया।
प्रत्येक गांव में प. पू. शंकराचार्य पूज्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी ने सत्संग, प्रवचन एवं पूजा अर्चना कर स्थानीय निवासियों के घर में मंगल पदार्पण भी किया। प. पू. शंकराचार्य जी ने जनजातीय गांवों में चल रहे कन्वर्जन को लेकर गांव वालों को सजग करते हुए बताया कि जनजाति समाज हिन्दू समाज है। गांव की भोली प्रजा का प्रलोभन देकर कन्वर्जन कराया जा रहा है, पूरे गांव को एक होकर इसका विरोध करने की आवश्यकता है।
9 जून को प. पू. शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी ने शबरी धाम में शबरी माता के मंदिर में दर्शन कर सत्संग किया। सत्संग में उन्होंने कहा – “अंतःकरण रूपी दर्पण स्वच्छ होगा तभी श्री राम के दर्शन होंगे, जैसे दर्शन शबरी ने प्राप्त किये थे।” शबरी धाम में अन्न क्षेत्र (महाप्रसाद) का शुभारंभ किया। इस अन्न क्षेत्र में शबरी धाम आने वाले यात्रियों को निःशुल्क भोजन प्रसाद दिया जाएगा। शंकराचार्य जी ने शबरी धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित निवासी विद्यालय का भूमि पूजन भी किया। विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा, भोजन एवं निवास की व्यवस्था की जाएगी। प. पू. शंकराचार्य पूज्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी ने कहा कि अब प्रति वर्ष डांग के विभिन्न गांवों का प्रवास करूँगा।