श्री राम वनगमन मार्ग पर लगेंगे श्री राम स्तम्भ

श्री राम वनगमन मार्ग पर लगेंगे श्री राम स्तम्भ
अयोध्या, 21 अप्रैल। श्री राम वनगमन मार्ग पर चिह्नित 292 महत्वपूर्ण स्थानों पर श्री राम स्तम्भ प्रतिष्ठित करने और इस सम्बन्ध में विस्तृत विवरण सहित एक कॉफी टेबल बुक तैयार करने को लेकर श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास का दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन रविवार को कारसेवकपुरम में सम्पन्न हुआ। इसमें अशोक सिंहल फाउंडेशन भी साथ थी।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कारसेवकपुरम की स्थापना से लेकर श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास और इसके संस्थापक डॉ. राम अवतार शर्मा द्वारा श्री राम वनगमन मार्ग पर 292 महत्वपूर्ण स्थान खोजने, वाल्मीकि रामायण और अन्य ग्रंथों के सहयोग से पुष्टि करने सहित, इस दुरूह और दुर्गम कार्य में आई कठिनाइयों का उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि श्री राम स्तम्भ का आधार भगवान श्री राम द्वारा भारत से नेपाल और श्रीलंका तक की पांच हजार किलोमीटर की अखंड भारत की पदयात्रा है। उक्त मार्ग पर 292 महत्वपूर्ण स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां श्री राम स्तम्भ प्रतिष्ठित किया जाना है। विश्व हिन्दू परिषद, अशोक सिंहल फाउंडेशन और श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास की पहल पर तैयार कराए गए श्री राम स्तम्भ की लंबाई पन्द्रह फीट, मध्य की चौड़ाई ढाई फिट और आधार पांच फिट का है। स्तम्भ भार बारह टन है और साढ़े पांच फीट ऊंचा पीतल से बना ध्वज शिखर पर सुशोभित होगा। स्तम्भ पर संस्कृत, हिन्दी और स्थानीय भाषा में स्थान की महत्ता तथा भगवान श्री राम का उक्त स्थान से संबंध लिखा जाएगा। साथ ही सूर्यवंश के सभी महत्वपूर्ण चिह्न भी अंकित होंगे। स्तम्भ का डिजाइन व रचना कार्य वास्तुकला के वरिष्ठ विद्वानों द्वारा किया गया है।