सदियों का यही तो हिंदुस्तान हैं हम
विरोधों के सागर में चट्टान हैं हम, क्योंकि यही तो हिन्दुस्तान हैं हम
सदियों का यही तो हिंदुस्तान हैं हम।
ब्रह्मा की संतान है हम, विष्णु का अवतार हैं हम
शिव का प्रलयंकर है हम में, ऋषियों का आह्वान हैं हम
प्रलयों के बाद भी जीवित रही,
उस मानवता की ही तो पहचान हैं हम
सतयुग का ही तो हिंदुस्तान हैं हम।
राम का वनवास हैं हम, हनुमान की सेवा हैं हम
लक्ष्मण की ललकार हम में, अंगद का विश्वास हैं हम कष्टों को सहकर भी ईश्वर हुए,
उस बलिदान की ही तो पहचान हैं हम
त्रेता का ही तो हिंदुस्तान हैं हम।
कृष्ण का उपदेश हैं हम, अर्जुन का गांडीव हैं हम
द्रौपदी की चीत्कार है हम में, विदुर जी का ज्ञान हैं हम
कम होकर भी जीत गए,
उस धर्मक्षेत्र की ही तो पहचान हैं हम
द्वापर का ही तो हिंदुस्तान हैं हम।
राणा की शक्ति हैं हम, शिवा की नीति हैं हम
मां जीजा की पुकार हम में, भगवे की आन हैं हम
आतताईयों से लड़ कर भी जीवित रही,
उस संस्कृति की ही तो पहचान हैं हम
कलयुग का ही तो हिंदुस्तान हैं हम।
केशव का ध्येय हैं हम, माधव का बलिदान हैं हम
अटल सा विश्वास हम में, कलाम का ईमान हैं हम
मरकर भी जागृत कर गए,
उस समाजिकता की ही तो पहचान हैं हम
त्याग युग का ही तो हिंदुस्तान हैं हम।
सतयुग का ज्ञान ले हम, त्रेता का बलिदान ले हम
द्वापर का धर्म हम में, कलयुग का विज्ञान ले हम
कोराना से लड़ खड़े होंगे,
इस विश्वास की ही तो पहचान हैं हम
आज के युग का ही तो हिंदुस्तान हैं हम।
सदियों का यही तो हिंदुस्तान हैं हम।
विरोधों के सागर में चट्टान हैं हम, क्योंकि यही तो हिंदुस्तान हैं हम, सदियों का यही तो हिंदुस्तान हैं हम।
ईशान
ब्यावर, अजमेर