समरसता के बिना देश की एकता सम्भव नहीं- होसबाले

समरसता के बिना देश की एकता सम्भव नहीं- होसबाले

समरसता के बिना देश की एकता सम्भव नहीं- होसबालेसमरसता के बिना देश की एकता सम्भव नहीं- होसबाले

अमृतसर। सहकार भारती के तीन दिवसीय 8वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन रेलवे ग्राउंड परिसर में शनिवार को औपचारिक उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का अधिवेशन में शामिल प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर सहकार भारती द्वारा उर्वरक के क्षेत्र में अनुसन्धान एवं नवाचार हेतु विशिष्ट योगदान के लिए फ़र्टिलाइज़र मैन ऑफ इंडिया के सम्मान से इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदयशंकर अवस्थी को सम्मानित किया गया। इस दौरान दत्तात्रेय होसबाले और मंचासीन अतिथियों ने कार्यकर्ता मार्गदर्शिका पत्रिका का विमोचन किया। 

सहकार भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में कार्यकर्ता मार्गदर्शिका पत्रिका का हुआ विमोचन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि पंजाब कि भूमि पर सहकार भारती ने राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया, यह अत्यंत सराहनीय है, क्योंकि यह गुरुओं की भूमि है तथा प्राचीनकाल से ही वेदों की रचना की भूमि है। भारतीय ज्ञान के संदेश को पूरे विश्व में देने वाली भूमि यही रही है। यहां जीवन की साधना हुई है। इस भूमि पर हमारे पूर्वजों ने अपने अनुभव से अपने जीवन में प्रयोग करके संदेश देने का कार्य किया है। सहकारिता जीवन का आधार है। हमारे समाज की व्यवस्था ही सहकारिता के आधार पर है। किसान जमीन में फसल उगाता है। क्या वह यह कार्य अकेले कर सकता है? हमारे सारे ग्राम्य जीवन की व्यवस्था परस्पर सहकारिता के माध्यम से चलती है।भारत में आर्थिक क्षेत्र में सहकारिता के लिए बहुत विचार हुए हैं जो सराहनीय  है।

उन्होंने कहा कि जीवन में शरीर और अर्थ के प्रति मोह नहीं होना चाहिए। दोनों में संतुलन होना अत्यंत आवश्यक है। समाज राष्ट्र की आधारभूत इकाई है, जो संस्कार के बिना सुदृढ़, सशक्त नहीं हो सकती। संस्कारित कुटुंब के कारण ही समाज सुदृढ़ होता है। भारत आज आर्थिक क्षेत्र में एक अद्भुत प्रगति कर रहा है। भारत का समाज यहां की समस्या से पराक्रम करने के लिए तैयार है। समाज में आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक परिवर्तन भी होना चाहिए। तभी संस्कार के साथ सहकार और सहकार से उद्धार हो सकता है। समरसता के बिना देश की एकता संभव नहीं है। देश को सुदृढ़, सशक्त करने के लिए हमारे समाज में समानता व बंधुता होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार पूर्वक मार्गदर्शन किया और सहकार भारती के आठवें राष्ट्रीय अधिवेशन की सफलता हेतु कामना की।

इस अवसर पर इफको के एमडी डॉ. उदयशंकर अवस्थी, राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी, स्वागत समिति अध्यक्ष इन्द्रप्रीत सिंह आनंद, पंजाब महामंत्री रविंदर सिंह उपस्थित रहे तथा पंजाब प्रदेश अध्यक्ष ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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