समरसता रणनीति नहीं, निष्ठा का विषय है – संघ

समरसता रणनीति नहीं, निष्ठा का विषय है – संघ

समरसता रणनीति नहीं, निष्ठा का विषय है – संघसमरसता रणनीति नहीं, निष्ठा का विषय है – संघ

  • सम्पूर्ण समाज को जोड़कर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने का संघ का संकल्प
  • दत्तात्रेय होसबाले सरकार्यवाह पद पर पुनः निर्वाचित

नागपुर, 17 मार्च। सामाजिक समरसता संघ की रणनीति का हिस्सा नहीं है, वरन यह निष्ठा का विषय है। सामाजिक परिवर्तन समाज की सज्जन-शक्तियों के एकत्रीकरण और सामूहिक प्रयास से होगा। सम्पूर्ण समाज को जोड़कर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने का संघ का संकल्प है। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुनर्निर्वाचित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आज प्रतिनिधि सभा स्थल में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। दत्तात्रेय ने जोर देकर कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की ऐतिहासिक घटना से समाज की सक्रिय भागीदारी का व्यापक अनुभव सबने किया है।

नागपुर में चल रही त्रि-दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में दत्तात्रेय होसबाले का सर्वसम्मति से अगले तीन वर्ष (2024- 2027) के लिए सरकार्यवाह के रूप में निर्वाचन हुआ। आज प्रतिनिधि सभा स्थल के महर्षि दयानंद सरस्वती परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने उनके निर्वाचन की जानकारी देकर उनका अभिनंदन किया। प्रेस वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सरकार्यवाह ने कहा कि चुनाव देश के लोकतंत्र का महापर्व है। देश में लोकतंत्र और एकता को अधिक मजबूत करना और प्रगति की गति को बनाए रखना आवश्यक है। संघ के स्वयंसेवक सौ प्रतिशत मतदान के लिए समाज में जन-जागरण करेंगे। समाज में इसके संदर्भ में कोई भी वैमनस्य, अलगाव, बिखराव या एकता के विपरीत कोई बात न हो। इसके प्रति समाज जागृत रहे।

उन्होंने कहा कि संघ का कार्य देशव्यापी राष्ट्रीय अभियान है। हम सब एक समाज, एक राष्ट्र के लोग हैं। आगामी 2025 विजयादशमी से पूर्ण नगर, पूर्ण मंडल तथा पूर्ण खण्डों में दैनिक शाखा तथा साप्ताहिक मिलन का लक्ष्य पूरा होगा। संघ के कार्य का प्रभाव आज समाज में दिख भी रहा है। संघ के प्रति समाज की इस आत्मीयता के चलते उसके प्रति धन्यता व कृतज्ञता का भाव है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सपूर्ण समाज संगठित हो, यही संघ का स्वप्न है। पर्यावरण की रक्षा, सामाजिक समरसता – ये किसी एक संगठन का अभियान नहीं, वरन पूरे समाज का है। देश में अनेक छोटे गांवों में ऊँच-नीच
और छुआछूत दिखाई देती है। शहरों में इसका प्रभाव बहुत कम है। गांव के तालाब, मन्दिर और श्मशान को लेकर समाज में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सन्देशखाली के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसके लिए पीड़ित महिलाओं के प्रतिनिधि मंडल ने भारत के राष्ट्रपति से निवेदन किया है। संघ के सभी कार्यकर्ता व प्रेरित संगठन हर स्तर पर सक्रिय रूप से उनके साथ खड़े हैं।

अल्पसंख्यक मुद्दे पर सरकार्यवाह ने कहा कि हम माइनॉयरिटिज्म पॉलिटिक्स का विरोध करते हैं। द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी के काल से लेकर अब तक के सभी सरसंघचालकों ने मुस्लिम और ईसाई नेताओं से संवाद कर समन्वय बनाने का काम किया है।

पिछले दिनों मणिपुर में जो सामाजिक संघर्ष हुए, वह बहुत ही पीड़ादायक है। यह घाव बहुत गहरे हैं। कुकी और मैतेयी समुदाय में संघ का काम होने से हमने दोनों समुदायों के नेताओं से संवाद कर परिस्थिति को सामान्य करने के प्रयत्न किये, जिसमें सफलता भी मिली।

छह सह सरकार्यवाहों की नियुक्ति
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई कार्यकारिणी में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने 2024-27 के कार्यकाल हेतु छह सह सरकार्यवाह नियुक्त किए।

1. श्री कृष्ण गोपाल
2. श्री मुकुंद
3. श्री अरुण कुमार
4. श्री रामदत्त चक्रधर
5. श्री अतुल लिमये
6. श्री आलोक कुमा

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