निधि समर्पण: अभियान विराम ले सकता है, समर्पण तो अनंत है
- जहां नहीं पहुंच सके कार्यकर्ता, वहां से आ रहे हैं फोन
- अनुभवों को सुनाते-सुनाते कार्यकर्ता हो रहे हैं भावुक
उदयपुर, 18 फरवरी। अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए देश भर में चल रहे निधि समर्पण महाभियान के अंतर्गत घर-घर सम्पर्क के क्रम ने विराम ले लिया है, लेकिन श्रद्धा का समर्पण जारी है। अभियान विराम ले सकता है, लेकिन श्रद्धा और समर्पण तो अनंत है। जिन परिवारों को निधि समर्पण करना रह गया है, वे स्वयं कार्यकर्ताओं से आग्रह कर निधि समर्पण कर रहे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण समिति के महानगर प्रमुख अशोक प्रजापत ने बताया कि महाभियान के अंतर्गत घर-घर हर परिवार तक पहुंचकर निधि समर्पण का क्रम उदयपुर जिले में 15 फरवरी को थम गया। निर्धारित अवधि में अभियान के अंतर्गत कोने-कोने तक पहुंचने के प्रयास के बावजूद ऐसे कई स्थान रह गए जहां तक कार्यकर्ता नहीं पहुंच सके, वहां समर्पण का भाव रखने वाले परिवार अब कार्यकर्ताओं को फोन कर रहे हैं। उनके आग्रह पर उनका निधि समर्पण समिति के कार्यकर्ता प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही, जिन परिवारों ने निधि समर्पण के संकल्प लिए थे, वे भी निधि समर्पण कर संकल्प पूरा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उदयपुर में बीएन काॅलेज के सामने विश्व हिन्दू परिषद परिसर स्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण कार्यालय में कोई भी आकर निधि समर्पित कर रसीद प्राप्त कर सकता है। इस कार्यालय पर प्रातः से सायंकाल तक कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। उदयपुर में कुछ अन्य स्थलों पर भी कार्यकर्ताओं के निर्धारित समय पर निधि समर्पण के कार्य के लिए बैठने पर विचार किया जा रहा है। शीघ्र ही इस पर निर्णय किया जाएगा ताकि यदि कोई परिवार श्रद्धा समर्पण करना चाह रहे हैं तो उन्हें कोई परेशानी न हो।
अनुभवों को सुनाते-सुनाते कार्यकर्ता हो रहे हैं भावुक
सम्पर्क अभियान के विराम के बाद निधि समर्पण समिति की हो रही नियमित बैठकों में कार्यकर्ता अभियान के अनुभव सभी के साथ बांट रहे हैं। कई अनुभव ऐसे भी सामने आ रहे हैं कि कार्यकर्ता भावुक हो रहे हैं और उनकी आंखें सजल हो रही हैं। कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक माह के इस रामकाज में उनकी दिनचर्या ही बदल गई। लेकिन, उन्होंने जब यह बताया कि उनकी दिनचर्या के अनुरूप पूरे परिवार ने अपनी दिनचर्या बदल ली तो सभी भावुक हो उठे। कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि उनके परिवार के छोटे-बड़े यहां तक कि बच्चे भी अभियान में निकले। बच्चों की टोलियां जब विभिन्न परिवारों में पहुंची तो उन्हें बड़े-बुजुर्गों का खूब आशीर्वाद मिला।
मुस्लिम परिवारों का भी मिला सहयोग
अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बताया कि कई मोहल्लों में वे मुस्लिम परिवारों के भी सम्पर्क में आए। जो परिचित थे उन्होंने स्वतः ही समर्पण की भावना प्रकट की और जो परिचित नहीं थे उन्होंने भी कार्यकर्ताओं को अपनी भावना से अवगत कराया। सविना क्षेत्र के एक मुस्लिम परिवार ने 11 हजार रुपये समर्पित किए और कहा कि वे भले ही मुस्लिम हैं, लेकिन राम पूरे भारत के आराध्य हैं, देशवासी होने के नाते सभी का सहयोग रहे, इस भावना को उन्होंने सर्वोपरि रखा। इसी तरह, धानमण्डी निवासी मुस्लिम परिवार ने कूपन लेते हुए कहा कि मंदिर या आस्था स्थल बनना शुभकार्य होता है और शुभकार्य में सहयोग करना ही चाहिए। चूड़ियों के व्यवसाय से जुड़ी बुजुर्ग मुस्लिम महिला ने अभियान के दौरान कार्यकर्ताओं को रोक कर पूछा कि आप अयोध्या के कार्य में लगे हैं, तब उन्होंने भी कूपन लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नहीं, लेकिन उनके पास खड़ी मोहल्ले की अन्य महिलाओं ने पूछा कि आप तो मुस्लिम हैं, तब उनका जवाब कार्यकर्ताओं को भी नतमस्तक कर गया, उन्होंने कहा, मंदिर हो या मस्जिद, ये आस्था के केन्द्र हैं जहां हमारी पीढ़ियों के संस्कार संवरते हैं। दोनों ही ऊपरवाले की आराधना के केन्द्र हैं। यह शुभकार्य है।
सनाढ्य समाज बेदला ने किया निधि समर्पण
उदयपुर शहर के समीपवर्ती बेदला के श्री सनाढ्य समाज मेवाड़ बेदला की ओर से प्रभु श्रीराम के चरणों में 31,200 की राशि का समर्पण किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन ने समाजजनों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की और रामजी के काज में सभी समाजों की ओर से मिल रहे सहयोग समर्पण को सामाजिक एकता का प्रतीक बताया।