समाज के प्रोत्साहन से दिव्यांग देश के लिए बड़ा योगदान देंगे – सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे

समाज के प्रोत्साहन से दिव्यांग देश के लिए बड़ा योगदान देंगे - सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे

समाज के प्रोत्साहन से दिव्यांग देश के लिए बड़ा योगदान देंगे - सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळेसमाज के प्रोत्साहन से दिव्यांग देश के लिए बड़ा योगदान देंगे – सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे

पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि न्यूनता हर किसी में होती है। हम सब अपूर्ण हैं। इस न्यूनता को परिपूर्णता की दिशा में ले जाने के लिए ईश्वर ने समाज के रूप में हमें दिव्यांगों का स्वाभिमान जागृत रखने हेतु सेवा का अवसर दिया है। दिव्यांग व्यक्ति में क्या नहीं है, इसकी बजाय क्या है, इसे देखते हुए समाज उन्हें प्रोत्साहित करें तो देश के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं।

सरकार्यवाह ने दिव्यांगों के सक्षमीकरण हेतु समर्पित राष्ट्रीय संगठन समदृष्टि, क्षमता विकास व अनुसंधान मंडल (सक्षम) के त्रैवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में संबोधित किया। पुणे की महर्षि कर्वे संस्था में यह अधिवेशन दो दिनों तक चलेगा। इस अवसर पर अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष पूज्य स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज मुख्य रूप से उपस्थित थे।

सरकार्यवाह ने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास हेतु कई प्रयोग किए जा रहे हैं। ब्रेल को भारतीय भाषा के रूप में आगे लाने हेतु “सक्षम” ने योगदान दिया है। दिव्यांगों ने अपनी न्यूनता को मात देते हुए प्रतिभा से आम लोगों से भी असाधारण प्रदर्शन किया है। हमें उनका स्वाभिमान बनाए रखते हुए उन्हें प्रोत्साहन, आत्मविश्वास और सहयोग देना चाहिए। कई दिव्यांग व्यक्तियों ने अपने परिवार की सहायता से न्यूनता को दूर किया है और हम देखते हैं कि उनके अभिभावकों ने ही इसके लिए मौलिक काम किया है। हालांकि वर्तमान में मस्तिष्क की अकार्यक्षमता, डाऊन सिंड्रोम, ऑटिज्म जैसी कई बीमारियां सामने आ रही हैं। उदय मत देने के लिए प्रयास करते हुए व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता है।

 

सर्वोच्च सेवा करना ही सार्थकता

स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज ने कहा कि कई दिव्यांगों ने अपने प्रदर्शन से समाज को प्रेरणा देते हुए इतिहास रचा है। मनोबल मनुष्य का उच्चतम बल होता है। सभी अंग ठीक-ठाक होने पर भी जिसके पास मनोबल नहीं, वह दुर्बल बन जाता है और जिसके पास प्रबल मनोबल है, वह दिव्यांग होने पर भी सक्षम हो जाता है। जिसका आत्मविश्वास चला जाता है, उसका सब कुछ चला जाता है। अपने अंतःकरण में बसे हुए मन में कोई भी डर मत रखिए। आत्मविश्वास सतत जागृत रखिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम सेवा करना सार्थकता है तथा अंत:करण की शुद्धि से भारत माता के प्रति समर्पण भाव कायम रखें।

इस अवसर पर, प्रेरणादायी दिव्यांग अतिथि के रूप में इंदौर के ख्यातनाम अंतरराष्ट्रीय तैराक सत्येंद्रसिंह लोहिया, महाबलेश्वर के प्रसिद्ध उद्यमी राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त भावेश भाटिया, अभिनेत्री गौरी गाडगिल, अहमदाबाद के प्रसिद्ध आईटी उद्यमी शिवम पोरवाल का विशेष सम्मान “सक्षम” के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंदराज, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलाकांत पांडे, डॉ. अविनाश वाचासुंदर के हाथों किया गया। कमलाकांत पांडे ने प्रास्तविक रखा। स्वागत समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एसके जैन ने स्वागत किया। “सक्षम” के नूतन महामंत्री उमेश अंधारे ने गणमान्य अतिथियों का परिचय करवाया।

सुमन चतुर्वेदी व प्रशांत ने सक्षम संस्था का दृष्टिकोण और संकल्पना बताई। इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों के हाथों सक्षम की स्मरणिका का विमोचन किया गया। साथ ही डॉ. निर्मला सरदेसाई, दिलीप सिंह बहरेचा को सम्मानित किया गया। प्रीती पोहेकर ने सूत्र संचालन किया। पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत अध्यक्ष एडवोकेट मुरलीधर कचरे ने आभार प्रकट किया। अधिवेशन में संपूर्ण देश से 500 जिलों के 1500 प्रतिनिधि उपस्थित हैं। प्रातः सुरेश पाटिल के हाथों अधिवेशन का ध्वजारोहण संपन्न हुआ।

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