सर्व हिन्दू समाज के 23 जोड़े बने जन्म जन्मांतर के साथी, सम्पन्न हुआ सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह

सर्व हिन्दू समाज के 23 जोड़े बने जन्म जन्मांतर के साथी, सम्पन्न हुआ सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह

सर्व हिन्दू समाज के 23 जोड़े बने जन्म जन्मांतर के साथी, सम्पन्न हुआ सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोहसर्व हिन्दू समाज के 23 जोड़े बने जन्म जन्मांतर के साथी, सम्पन्न हुआ सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह

जोधपुर, 3 फरवरी। सेवा भारती समिति जोधपुर की ओर से रविवार को बसंत पंचमी के दिन कमला नेहरू नगर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन हुआ। समिति के प्रचार प्रमुख महेश सारस्वत ने बताया कि विवाह समारोह में 23 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। समारोह में सर्व हिन्दू समाज के लोग बड़े उत्साह से सम्मिलित हुए। सभी ने साथ बैठकर भोजन किया। सामूहिक विवाह सम्मेलन में पाणिग्रहण से पहले सामूहिक मंत्रोच्चार के साथ गणेश पूजन का कार्यक्रम हुआ। वर-वधू पर सेवा भारती की महिला कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा की। इस दौरान बड़ी संख्या में वर-वधू पक्ष के लोगों के साथ ही समाज के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। तोरण के बाद सभी जोड़े मंच पर पहुंचे, जहां एक एक कर सभी के वरमाला संस्कार का आयोजन हुआ। पूरा आयोजन पूज्य संतों के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। 

विवाह समारोह में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सेवा भारती के अखिल भारतीय स्वावलंबन प्रमुख विनोद कुमार बिड़ला ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने समरस हिन्दू समाज का स्वप्न संजोया था। पूरा संघ परिवार अपनी अपनी तरह से उसे साकार करने का प्रयास कर रहा है। सेवा भारती समिति की इसमें बड़ी भूमिका है। सेवा भारती द्वारा वंचितों को शिक्षा व स्वावलम्बन जैसे सेवा के अनेक कार्य संचालित किए जाते हैं। इन कार्यों के साथ ही सेवा भारती प्रति वर्ष श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह का भी आयोजन करके यह संदेश देती है कि समाज में वंचित व गरीब वर्ग के लोग भी अकेले नहीं हैं। समाज व संगठन उनके साथ खड़ा है। सर्व समाज को समरस होना है। 

श्रीराम जानकी सर्वजातीय जातीय सामूहिक विवाह समारोह समिति के अध्यक्ष निर्मल गहलोत ने कहा कि सामाजिक एकता का अर्थ है जाति, धर्म, वर्ण से ऊपर उठकर एक साथ रहना। सामाजिक एकता विपरीत परिस्थिति में एक दूसरे की सहायता करने के लिए तत्पर रहने को प्रेरित करती है।

विभिन्नता से परिपूर्ण देश में सामाजिक एकता देश की अक्षुणता और अखंडता के लिए आवश्यक है।

समिति के महामंत्री राजेंद्र पालीवाल ने कहा कि श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन समाज में परस्पर प्रेम और बन्धुत्व के भाव को प्रगाढ़ करते हुए भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा देते हैं। सामूहिक विवाह समारोह के दौरान सामाजिक एवं आर्थिक विषमता के समस्त भेदभावों को समाप्त कर एक छत के नीचे समान भाव से विवाह बंधन में बंधना अपने आप में ही अनोखा काम है।

समिति के उपाध्यक्ष नथमल पालीवाल ने बताया कि सभी बारातें जूना खेड़ापति हनुमानजी मंदिर से रवाना होकर आखलिया चौराहा होते हुए विवाह स्थल केशव परिसर में पहुंचीं। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर सर्व समाज के पदाधिकारियों की ओर से बारातियों का स्वागत किया गया। वर-वधू को चांदपोल रामद्वारा के रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री व आमेट रामद्वारा के संत मुमुक्षु राम महाराज ने आशीर्वाद दिया। कोषाध्यक्ष वरुण धनाडिया ने कहा कि एक स्थान पर अलग-अलग जातियों व वर्गों के वर वधुओं का एक साथ विवाह, वह भी नाममात्र के खर्च पर, वास्तव में एक अनुकरणीय प्रयास है। 

सभी जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ परिणय सूत्र में बंधने के साथ ही नशा न करने, बेटी बचाने व समाज सेवा करने की शपथ ली।

संघ के स्वयंसेवकों की मेहनत से व्यवस्था रही चाक चौबंद 

वहीं सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व सेवा भारती समिति एवं श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह समिति से जुड़े हजारों कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं को इस प्रकार से संभाला कि विवाह समारोह में बाराती बनकर आए मेहमानों को हर वह सुविधा उपलब्ध करवाई, जो आमतौर पर विवाह में होती है। मेहमानों ने इसकी भूरि भूरि प्रशंसा की। महिला कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से सहयोग करके मातृशक्ति की प्रबल सामर्थ्य का उदाहरण प्रस्तुत किया। समारोह में अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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