तुष्टिकरण के विरुद्ध बड़ी चौपड़ पर सामाजिक एकजुटता का महाप्रदर्शन
तुष्टिकरण के विरुद्ध बड़ी चौपड़ पर सामाजिक एकजुटता का महाप्रदर्शन
जयपुर, 4 अक्टूबर। दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देने और असामाजिक तत्वों द्वारा चारदीवारी के बाजारों में लूटपाट के विरोध में जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सर्व हिन्दू समाज ने संतों की अगुवाई में बुधवार को बड़ी चौपड़ पर महाधरना दिया। हजारों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग तेज धूप के बावजूद शांतिपूर्वक धरने में शामिल हुए। भगवा ध्वज और तिरंगा झंडा लहराते हुए लोगों के समूह कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व ही बड़ी चौपड़ की ओर बढ़ने लगे। धरने में शामिल लोग तुष्टिकरण बंद करो, आंतकियों को बाहर भगाओ, आवाज दो हम एक हैं, छोटी काशी की पहचान सौहार्द, संस्कृति और नारी सम्मान लिखी तख्तियां लेकर पहुंचे। भारत माता और जय श्रीराम के नारों ने वातावरण में जोश बनाए रखा।
कार्यक्रम का शुभारंभ संतों के उद्बोधन और देशभक्ति के गीतों के साथ हुआ। मंच से पीड़ित परिवार को आर्थिक और विधिक सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा के साथ चेतावनी दी गई कि सात दिन में बाजारों में उपद्रव मचाने वाले और सड़क दुर्घटना को मॉब लिचिंग का रूप देने वालों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो जयपुर बंद का आह्वान किया जाएगा।
समाजसेवी हेमंत सेठिया ने कहा कि जयपुर में हमेशा से सामाजिक सौहार्द का वातावरण रहा है। सभी समुदाय और वर्ग सदियों से मिल जुल कर रहते आए हैं। लेकिन दूसरे शहरों और राज्यों से लोग आकर यहां का वातावरण बिगाड़ रहे हैं। भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिन: की रही है। यहां सिर से तन जुदा और खून का बदला खून का कट्टरपन सहन नहीं किया जाएगा। मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोग ऐसे लोगों को सही राह दिखाएं, उन्हें संस्कारित करें, किसी के बहकावे में आकर गुंडागर्दी पर उतारू न हों। यह किसी के भी लिए अच्छा नहीं है। शांति और सौहार्द्र सभी समुदायों और समाजों का सामूहिक दायित्व है।
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि व्यापारी समाज कमजोर नहीं है। मुस्लिम समुदाय के समूहों में आपसी झगड़े के बाद दूसरे दिन पुरोहित जी के कटले और दड़ा बाजार को जबरन बंद करवाने, सामान फेंकने की घटना में लिप्त लोगों को गिरफ्तार कर सजा नहीं दी गई तो पूरा जयपुर बंद किया जाएगा। हम यह भी जानते हैं कि एक घंटे भी बाजार बंद रहता है तो अरबों रुपए के राजस्व का नुकसान होता है, लेकिन अपने अस्तित्व के लिए ऐसा करना हमारी विवशता है।
गुर्जर समाज के देवनारायण गुर्जर ने कहा कि समाज के वातावरण को खराब करने वाले और ऐसे तत्वों को संरक्षण देने वाले लोगों को सबक सिखाना होगा। भारत के टुकड़े करने और सनातन का विरोध करने वालों का अस्तित्व मिटाना होगा। वाल्मीकि समाज के मनोज चांवरिया ने कहा कि आज प्रशासन और हिन्दुओं और मुसलमानों में भेदभाव बरत रहा है। हिन्दुओं के त्योहार मनाने पर अंकुश लगाया जा रहा है।
इन्होंने भी किया संबोधित
सिख समाज के सरदार जसवीर सिंह, मातृशक्ति से मंजू वैष्णव, जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल, रावणा राजपूत समाज के रणजीत सिंह सोडाला ने भी महाधरने को संबोधित किया। सर्व समाज हिन्दू महासभा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश भाड़ेवाला, सिन्धी समाज से चंद्र प्रकाश खेतानी, साहू समाज के श्याम साहू, मेहरा समाज से हनुमान सहाय मेहरा, यादव समाज से मुकेश यादव, श्री राजपूत करणी सेना के प्रताप कालवी, विप्र सेना के अध्यक्ष सुनील तिवाड़ी सहित विभिन्न समाजों से जुड़े लोग अपने अपने समाज के लोगों के साथ महाधरने में शामिल हुए।
संत समाज का मिला सानिध्य
महाधरने में विभिन्न मठ-मंदिरों के संत-महंत-पीठाधीश्वर मंचस्थ थे। कौशल्या दास की बगीची के कानादास महाराज, सांवल दास बगीची के सियाराम दास महाराज, पापड़ के हनुमान जी के रामसेवक दास महाराज, अमरनाथ महाराज, राम कुटिया के कृष्ण दास महाराज, हाथोज के दक्षिणमुखी बालाजी मंदिर के स्वामी बालमुकुंदाचार्य महाराज, सरना डूंगर के परशुराम दास महाराज, बाल व्यास महाराज, आचार्य भावनाथ, मनीष दास, साध्वी समदर्शी के अलावा गीता गायत्री मंदिर के पंडित राजकुमार चतुर्वेदी, सरस निकुंज के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया, काले हनुमान मंदिर के योगेश शर्मा सहित अनेक संत-महंत उपस्थित रहे।
सरकार के समक्ष रखीं ये मांगें
1. दुर्घटना के बाद वीडियो में हरे कपड़े में एक युवक स्वयं को मंसूरी बताते हुए दिख रहा है। उसी व्यक्ति ने इकबाल की हथियार से हत्या की है, उसे गिरफ्तार किया जाए।
2. हिन्दू युवक गुंडा तत्वों से आत्मरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन पर हत्या की धारा हटाकर आत्मरक्षा की धारा लगाई जाए।
3. संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कर आठ निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए।
4. इस प्रकरण में दो जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता की जांच हो।
5. इकबाल के परिजनों को मॉब लिचिंग के नाम पर पचास लाख का मुआवजा दिया गया जबकि यह मॉब लिंचिंग का मामला ही नहीं है। जांच रिपोर्ट नहीं आने तक या तो मुआवजा राशि वापस ली जाए या दुर्घटना और मॉब लिचिंग में मारे गए हिन्दुओं के परिजनों को भी पचास लाख रुपए दिए जाएं।
6. जयपुर से बाहर आकर फुटकर व्यवसाय कर रहे थड़ी-ठेला वालों, ई रिक्शाचालकों के बैकग्राउंड की जांच करते हुए पहचान पत्र जारी किए जाएं।
7. शहर में रात्रि साढ़े दस बजे के बाद समूह में बैठने और तेज गति से बाइक चलाकर भय का वातावरण बनाने वालों के विरुद्ध सख्त गाइडलाइन बनाकर नियमों की पालना करवाई जाए।
Good bigning for Jaipur