कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग में आग
पुणे स्थित कोरोना वैक्सीन (कोविशील्ड) बनाने वाले सीरम इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग में आज दोपहर आग लग गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आग वहां नहीं लगी है जहां कोविड के वैक्सीन बनाए जा रहे थे। जिस बिल्डिंग में आग लगी है वहां बीसीजी के वैक्सीन बन रहे थे। उन्होंने कहा कि आग को काबू कर लिया गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट किया – मैं सरकार और जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन के उत्पादन पर इस दुर्घटना का कोई असर नहीं पड़ेगा। इस तरह की आकस्मिकताओं से निपटने के लिए मैंने कई बिल्डिंग्स को रिजर्व में रखा है।
पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने कहा कि हमें पौने तीन बजे सीरम इंस्टिट्यूट की एक इमारत में आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची। इमारत में कोरोना वैक्सीन का प्लांट नहीं था न ही कोरोना वैक्सीन का भंडारण किया जा रहा था।
पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने बिल्डिंग की छठी मंजिल पर 5 जले हुए शव मिलने की पुष्टि की है। ये पॉंचो वहॉं काम कर रहे मजदूर थे। इनकी पहचान रमाशंकर हरिजन, महेंद्र इंगळे, प्रतीक पश्ते, बिपिन सरोज और सुशील कुमार पांडे के रूप में हुई है। इनमें रमाशंकर और विपिन सरोज उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। सुशील पांडेय बिहार से यहां मजदूरी करने आए थे। महेंद्र इंगले और प्रतीक पश्ते पुणे के ही रहने वाले थे।
लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस बिल्डिंग में बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाने की योजना थी। माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट या वेल्डिंग के कारण दुर्घटना हुई। जिस जगह आग लगी, उसे सीरम का मंजरी प्लांट कहते हैं। यह जगह कोविशील्ड वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से लगभग एक किमी की दूरी पर है। इस वजह से कोविशील्ड को नुकसान नहीं पहुंचा।